– कला केंद्र भागलपुर में रविंद्र नाथ टैगोर की जयंती पर गुरुदेव को नमन कार्यक्रम आयोजित
वरीय संवाददाता, भागलपुर
कलाकेंद्र में रविंद्र नाथ टैगोर की जयंती पर गुरुदेव को नमन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ योगेंद्र ने की. उन्होंने कहा कि डॉ रवींद्र नाथ मनुष्य और प्रकृति के अन्य जीवों में अंतर नहीं करते थे. उनकी रचना में मनुष्य और प्रकृति एकाकार हो जाता है. दुनिया को बचाने के लिए कला और साहित्य जरूरी है. रविंद्र नाथ ठाकुर में लोगों को वैश्विक मानव बनाने की क्षमता है. संस्कृतिकर्मी उदय ने कहा कि रविंद्र नाथ टैगोर भारत की महान विभूतियों में एक थे.महात्मा गांधी ने रविंद्र नाथ टैगोर की तारीफ करते हुए गुरुदेव कहा, तो गुरुदेव ने बापू को महात्मा का नाम दे डाला. गुरुदेव रविंद्र नाथ पहले भारतीय थे, जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिला. कला केंद्र के प्राचार्य राजीव कुमार सिंह ने कहा कि गुरुदेव का राष्ट्रवाद मानवता पर केंद्रित था. मौके पर चित्रकार विजय साह, पूर्व डीएसडब्ल्यू डॉ योगेंद्र, उदय, ललन, श्वेता शंकर, राजीव कुमार सिंह, मृदुला सिंह, सुभाष प्रसाद, अमित कुमार सिंह, शिशु, मेंहदी हसन, डॉ दिव्या आदि उपस्थित थे.
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