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bhagalpur news. खाद-बीज बांटना कृषि विभाग का काम नहीं, किसानों की आय को बढ़ाने की जरूरत

कृषि विभाग का कार्यक्रम.

-शारदीय-खरीफ महाभियान 2025: कर्मशाला व प्रशिक्षण कार्यक्रम को डीएम डॉ नवलकिशोर चौधरी ने किया संबोधित

वरीय संवाददाता, भागलपुरखाद-बीज बांटना कृषि विभाग का काम नहीं है, बल्कि किसानों की आय को बढ़ाने के लिए काम करना है. यह पता करना होगा कि पंचायत से प्रखंड स्तर तक किस कृषि समन्वयक ने किसानों की क्रियेटिविटी बढ़ाने के लिए काम किया. किसान सलाहकार केवल किसानों को सलाह देने के लिए नहीं, बल्कि किसानों को जागरूक करने के लिए हैं. बाढ़ के मद्देनजर उपयुक्त खेती करने की जरूरत है. इसमें किसानों को सहयोग करें. उक्त बातें जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी ने गुरुवार को जिला कृषि कार्यालय परिसर में शारदीय-खरीफ महाभियान -2025 अंतर्गत जिलास्तरीय कर्मशाला व प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्धाटन करते हुए कही.

आगे उन्होंने कहा कि खेती की पुरानी पद्धति को विस्थापित कर नयी तकनीक एवं नये किस्मों के बीज का उपयोग करने की आवश्यकता है. कहा कि किसानों से फीडबैक प्राप्त कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाये. मक्का वर्गीय फसल अन्तर्गत बेबीकॉर्न की सही प्रोसेसिंग पर ध्यान देते हुए किसानों की आय बढ़ायी जा सकती है. जिलाधिकारी ने शारदीय (खरीफ) किसान जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. रथ के माध्यम से कृषि योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जायेगा. उनके साथ आत्मा के स्टेट को-ऑर्डिनेटर डॉ प्रमोद कुमार मिश्रा, पीएमयू डीबीटी कोषांग पटना के भानु प्रताप सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी प्रेम शंकर प्रसाद, आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह, कृषि वैज्ञानिक सौरभ कुमार चौधरी, डॉ प्राची सिंह, डीडीएम नाबार्ड सीके सिन्हा समेत जिलास्तरीय कृषि एवं संबद्ध विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे.

2000 एकड़ में होगी कतरनी धान की खेती, 6000 रुपये मिलेगा अनुदान : प्रेम शंकर

जिला कृषि पदाधिकारी प्रेमशंकर प्रसाद ने कहा कि कतरनी धान उत्पादक प्रखंडों में क्षेत्र विस्तार करने के लिए सचिव, कृषि विभाग ने स्वीकृति प्रदान कर दी है. 2000 एकड़ में कतरनी धान बुआई का लक्ष्य दिया गया है. जिसमें 6000 रुपये अनुदान का प्रबंध किया. उन्होंने बताया कि जिले में हरी खाद के लिए ढैंचा बीच वितरण के लिए उपलब्ध कराया जायेगा. खरीफ मौसम में मक्का के लिए 1000 क्विंटल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए कृषि समन्वयक-किसान सलाहकार क्षेत्र में व्यापक प्रचार-प्रसार करें. इसमें कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह कहा कि जिले के पदाधिकारी व कर्मचारियों को तकनीकी के रूप से प्रशिक्षित किया जायेगा. किसानों के उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग एवं विपणन तकनीकों का प्रचार-प्रसार किया जायेगा.आत्मा योजना, बामेती पटना के स्टेट को-ऑर्डिनेटर डॉ प्रमोद मिश्रा ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में एक साथ खरीफ महाभियान-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. भानु प्रताप सिंह ने फार्मर रजिस्ट्री की विस्तार से जानकारी दी. नाबार्ड डीडीएम ने किसानों को क्रेडिट कार्ड, एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, एफपीओ से अवगत कराया. इसके साथ ही विभिन्न अधिकारियों ने खेती से जुड़ी विभिन्न जानकारियां साझा की.

इस मौके पर भूमि संरक्षण, भागलपुर की सहायक निदेशक दीप रश्मि, कृषि अभियंत्रण की सहायक निदेशक डॉ लौलीना, रसायन के सहायक निदेशक केशव गुप्ता, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी अरविंद कुमार, राजेश कुमार, नीतीश कुमार आदि उपस्थित थे.

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