बीएयू के कुलपति डॉ डीआर सिंह ने में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर विवि के उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि नैक मूल्यांकन में विवि को ए ग्रेड का दर्जा प्राप्त हुआ है. इसके लिए नैक टीम दो बार विवि पहुंची और स्मार्ट क्लासरूम के साथ प्रयोगशाला और हमारे टीम साथियों के मेहनत को देखते हुए ए ग्रेड का दर्जा दिया. कहा कि विवि देश में कृषि के क्षेत्र में चौथे स्थान और राज्य में प्रथम स्थान पर है. इसमें विवि के अधिकारियों व कर्मचारियों का विशेष योगदान है. कहा कि राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री का भी सहयोग विशेष रूप से रहा, जिससे हमलोगों को ग्रेड ए मिला. कहा कि विवि का आधारभूत संरचना प्रयोगशाला, शिक्षण संस्थान एवं कुशल नेतृत्व इन सभी कार्य के लिए हमलोगों को यह उपलब्धि प्राप्त हुआ है. इन सभी कार्यों पर हम सभी वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों को और अधिक प्रयास करना होगा, ताकि देश में हमें प्रथम स्थान मिल सके. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आगे की कार्य योजना तैयार कर लक्ष्य निर्धारित कर लिया गया है. इसके लिए मुख्य दो बिंदु हैं, जिसमें क्रमशः शिक्षा के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को हमलोगों ने लागू करते हुए नए-नए पाठ्यक्रम कोर्स शुरू किया. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 2030 तक विश्वविद्यालय से कुल तीन हजार विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के साथ जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. उसे हमने 2024-25 में ही 800 डिप्लोमा कोर्स एक वर्ष के लिए छात्र-छात्राएं और 2700 नियमित छात्र-छात्राएं टोटल कहे तो हम लोगों ने 3500 का लक्ष्य समय से पहले प्राप्त कर लिया है. कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है जहां सभी बच्चों को स्कॉलरशिप सरकार द्वारा मिलती है. बिहार का कृषि रोड मैप भी बहुत दूरगामी सोच है, जिसमें दलहनी, तेलहनी, मोटे अनाज को कैसे बढ़ावा दिया जाय. बिहार देश का पहला राज्य है जहां पीएचडी के छात्रों को 10,000 महीना स्कॉलरशिप मिलता है. इस उपलब्धि में उन्होंने मीडिया के साथियों को कहा कि इन सब ने ही हमारे कार्यक्रम व उपलब्धि हो जनमानस तक पहुंचाने का काम किया. हमारा विवि उस मुकाम तक पहुंच चुका है कि राज्य ही नहीं देश-विदेश के विद्यार्थी भी हमारे विद्यालय की ओर शिक्षा ग्रहण के लिए सर्वश्रेष्ठ मान रहे हैं. आगे का हम लोगों का लक्ष्य है कि राष्ट्रीय स्तर तक तो पहुंच चुके है, लेकिन अब हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचना है. इसके लिए कुछ मानक है जिसे पूरा करने पर काम भी शुरू कर दिया है. कहा कि दूसरे लक्ष्य के तहत आधुनिक विज्ञान अनुसंधान का प्रयोग करते हुए अधिक से अधिक किसानों को जोड़ सके और उसे आर्थिक रूप से मजबूती प्राप्त हो, इस पर भी काम करने की जरूरत है. हम लोग किसानों को प्रशिक्षित करेंगे और जीआई किस तरह से प्राप्त किया जाय, इसके लिए भी किसानों को प्रोत्साहित करेंगे. जीआई प्राप्त हो जाने पर उसकी पैकेजिंग कैसे की जाये और इसकी डिमांड कैसे दूसरे देशों में बढ़े इस पर भी काम करेंगे. हमारे वैज्ञानिक एवं किसान न्यूट्रिशन पर भी काम कर रहे हैं. विश्वविद्यालय के लिए और खुशी की बात यह भी है कि पिछले कई वर्षों से हमारे छात्रों का प्लेसमेंट 96% रहा. इस वर्ष भी बीपीएससी परीक्षा में एक साथ 450 छात्र-छात्राओं ने सफलता हासिल की.
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