प्रतिनिधि,सबौर बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के द्वारा समेकित पोषक तत्व प्रबंधन कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. जिसके तहत पिछले पांच वर्षों में सीसीआइएनएम ने निरंतर विस्तार का रास्ता तैयार किया. वर्ष 2019-20 में छह सत्रों और 180 प्रतिभागियों के साथ शुरुआत करने के बाद 2020-21 में 62 एवं 2021-22 और 2022 23 में क्रमशः 156 और 293 प्रशिक्षण जुड़कर पाठ्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर ले गए. वर्ष 2023-24 की उपलब्धियों का खुलासा करते हुए बताया कि बीएयू सबौर के द्वारा 857 खाद विक्रेता और संभावित विक्रेता प्रशिक्षित किए गए. यह कार्यक्रम उन किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है जिन्हें मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन के क्षेत्र में विशेषज्ञ की आवश्यकता है. 2024-25 में अब तक की सबसे बड़ी सफलता साबित हुआ बीएयू सबौर ने 6 कॉलेज बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, बीपीएसएसी पूर्णिया, एमबीएसी सहरसा, भीकेएससीए डुमरांव, एनसीएच नूरसराय कुल मिलाकर 26 सत्र आयोजित किए गए. इसमें कुल 857 प्रशिक्षणार्थी शामिल हुए. इस प्रकार अब तक कुल 18 प्रशिक्षकों के माध्यम से 1933 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है. प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य तीन प्रमुख स्तंभ पर टिका था. मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन में तकनीकी क्षमता का विकास, कृषि के नियम कानून की जानकारी और खाद विक्रेताओं को पारा एक्सटेंशन विशेषज्ञ के रूप में तैयार करना. कुलपति डॉ डीआर सिंह ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण के माध्यम से हम केवल तकनीकी प्रशिक्षण नहीं दे रहे, बल्कि एक मजबूत नेटवर्क तैयार कर रहे हैं जो सीधे खेतों में मिट्टी स्वास्थ्य सुनिश्चित करेगा. कृषि विशेषज्ञ और शोधकर्ता पूरे बिहार में सतत कृषि विकास की कुंजी मानते हैं.
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