भागलपुर
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के तहत उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज की ओर से आयोजित तीन दिवसीय आक्टेव कार्यक्रम का समापन बुधवार को रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हो गया. केएनएच होमियोपैथ मेडिकल कॉलेज परिसर में भव्य मंच पर पूर्वोत्तर राज्यों की समृद्ध लोक-नृत्य, शिल्प एवं स्वाद की त्रिवेणी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. लोक नृत्य, स्वाद और शिल्प के अनोखे समागम ने कार्यक्रम को यादगार बना दिया. समापन समारोह की शुरुआत मिजोरम के कलाकारों के चेराव नृत्य से हुई. बांस की छड़ों के बीच लयबद्ध ताल पर कलाकारों की प्रस्तुति दर्शकों के लिए एक अनोखा अनुभव था. इसके बाद त्रिपुरा के देवाशीष रियंग एवं उनके दल ने होजा गिरी नृत्य प्रस्तुत किया. इसमें त्रिपुरी संस्कृति की झलक दिखाई दी.
फिर जांग रिमची एवं उनके दल ने मेघालय का वांगला नृत्य प्रस्तुत किया, जबकि जान पेलांग ने अरुणाचल प्रदेश का पारंपरिक योग जंग नृत्य मंच पर उतारा. कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति असम का सुप्रसिद्ध बिहू नृत्य थी. इसमें विनीता देवी और उनके साथी कलाकारों ने ऊर्जा और उमंग के साथ प्रस्तुत किया. सिर्फ नृत्य और संगीत ही नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर के आठों राज्यों के शिल्पकारों ने भी अपने पारंपरिक उत्पादों और व्यंजनों के स्टॉल लगाये. मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा, असम और अरुणाचल प्रदेश से लाये गये स्थानीय उत्पादों और स्वादिष्ट व्यंजनों ने आगंतुकों को पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक विविधता से रूबरू कराया.
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