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भागलपुर में भीषण गर्मी के कारण दुधारू गायों ने कम किया दूध देना, जानिए दूध की कीमत कितनी बढ़ी

हास्टन फ्रीजियन व जर्सी गाय का 25 प्रतिशत दूध उत्पादन कम हो गया है. प्रतिदिन 20 लीटर दूध देने वाली गाय 15 लीटर दे रही है

Bhagalpur Weather गर्मी से आमलोगों के साथ पशुओं की भी परेशानी बढ़ गयी है. दुधारू पशुओं ने 30 से 50 फीसदी तक दूध देना कम कर दिया है. इतना ही नहीं दुग्ध उत्पादक केंद्र से लेकर दैनिक दूध उपभोक्ताओं को दूध मिलना कम हो गया है. मांग से कम आपूर्ति होने पर दूध की कीमत 25 फीसदी तक चढ़ गयी है. पिछले कुछ दिन से भागलपुर समेत पूरे अंग क्षेत्र में 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास गर्मी है.

पशु अस्पतालों में हीट स्ट्रोक से प्रभावित पशु उपचार के लिए पहुंच रहे हैं. इस बीमारी पर यदि शीघ्र काबू नहीं पाया जाए तो पशु की मृत्यु हो सकती है. हास्टन फ्रीजियन व जर्सी गाय का 25 प्रतिशत दूध उत्पादन कम हो गया है. प्रतिदिन 20 लीटर दूध देने वाली गाय 15 लीटर दे रही है. इन नस्लों की गाय गर्मी सहन नहीं कर पा रही और बीमार पड़ने लगी हैं.

शहर के आदमपुर घाट में गो पालन करने वाले प्रकाश मंडल ने बताया कि उनके पास पांच-छह गायें हैं, जो 30 फीसदी तक दूध देना कम किया है. दो पशु पर गर्मी का खास असर दिख रहा है. दूसरे पशुपालक बुच्ची मंडल ने बताया कि वे गाय और भैंस दोनों पालते हैं. थोड़ी असावधानी के कारण गायों ने भोजन कम कर दिया. दूध भी पहले से आधा देने लगी है. भैंस का दूध अभी 60 रुपये लीटर की बजाय 90 रुपये लीटर और गाय का दूध 45-50 की बजाय 70 रुपये लीटर मिलने लगा है.

गोशाला में लगाया कूलर व पंखा
शहर के गोशाला में गायों को सामान्य रखने व गर्मी से बचाने के लिए कूलर व पंखा की व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा दिन में दो बार स्नान कराया जा रहा है. मंत्री सुनील जैन ने बताया कि गोशाला में मौसम बदलने पर व्यवस्था में बदलाव किया जाता है.


प्रखंडों के पशु चिकित्सालय अलर्ट पर
जिला पशुपालन विभाग की ओर से सभी 16 प्रखंडों के पशु चिकित्सालयों को अलर्ट कर दिया गया है. भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी जागरूकता फैला रहे हैं. निःशुल्क उपचार की सुविधा दी जा रही है. पशुओं के आसपास वातावरण को ठंडा रखने की अपील की जा रही है. इसके लिए कूलर, पंखा व पानी का फब्बारा लगाने की अपील की जा रही है.

पशुओं को सुबह व शाम को ठंडा पानी से स्नान करायें
गर्मी के कारण पशुएं दूध देना कम कर दिया है. मवेशी को टीना के शेड में किसी भी हालत में नहीं रखें. टीन का शेड है, तो उसके लिए नीचे फूस लगायें. साथ ही टीन का शेड 14 फीट ऊंचा हो. सुबह व शाम को ठंडा पानी से स्नान करायें. गर्मी से बचाव के लिए हरेक पशुपालकों को छायादार पेड़ के नीचे रखें.
डॉ रणधीर कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी, भागलपुर

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RajeshKumar Ojha
RajeshKumar Ojha
Senior Journalist with more than 20 years of experience in reporting for Print & Digital.

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