-शहर की 15 हजार छोटी-बड़ी दुकानों में रोजाना औसतन 40 करोड़ का होता है कारोबार
वरीय संवाददाता, भागलपुर
यूपीआई सेवा ठप होने से शनिवार को भागलपुर मुख्य बाजार में दुकानदारों व ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ा. बाजार में 60 से 70 प्रतिशत तक लगभग 25 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ. बाजार में भीड़ लगने के बाद भी कारोबार आम दिनों की तुलना में आधा से अधिक घट गया. हजारों ग्राहकों को खाली हाथ लौटना पड़ा. इतना ही नहीं भोजनालय, ठेला-खोमचा वाले व ग्राहकों के बीच किच-किच की स्थिति बनी.इस्टर्न बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष शरद सलारपुरिया ने कहा कि भागलपुर मुख्य बाजार में केवल 13 हजार छोटी-बड़ी दुकानें है. इसमें कपड़ा की सबसे अधिक दुकानें हैं. इसके अलावा, स्टेशनरी, किराना, सर्राफा, खाद्यान्न, सौंदर्य प्रसाधन, फल, सब्जी, होटल-रेस्टोरेंट, मिठाई व दवा आदि की दुकानें हैं. भागलपुर शहर में 15 हजार से अधिक दुकानें हैं. यहां एक दिन में औसतन 40 करोड़ से अधिक कारोबार होता है. 60 प्रतिशत से अधिक कारोबार प्रभावित हुआ. 25 से 26 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ.
सर्राफा कारोबारी विशाल आनंद ने बताया कि पहले से सर्राफा कारोबारी टैरिफ वार का शिकार हैं. सोना-चांदी के भाव में उतार-च्रढ़ाव से 50 फीसदी तक कारोबार प्रभावित हुआ और अब स्थिति सुधर रही थी, तो यूपीआई फेल होने से कारोबार ठप रहा. सर्राफा बाजार में 10 करोड़ से घटकर दो से तीन करोड़ पर कारोबार पहुंच गया है. कई ग्राहकों वापस लौटना पड़ा. क्रेडिट पर कई ग्राहकों व दुकानदारों ने अपना कारोबार किया.
वरिष्ठ आयकर अधिवक्ता सह बड़े कारोबारी डॉ रतन संथालिया ने बताया कि सरकार को वैकल्पिक व्यवस्था रखने की जरूरत है. ऐसे में सामान्य लोगों से लेकर खास लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. शनिवार को पूरी तरह से बाजार के लिए ब्लैक डे रहा.टेक्सटाइल चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष गिरधारी केजरीवाल ने कहा कि यूपीआई फेल हाेना बाजार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. भागलपुर के बाजार में 50 प्रतिशत कपड़ों का कारोबार होता है. दरअसल, सिल्क सिटी होने के कारण यहां का लोकल कपड़ा व बाहर का कपड़ा दोनों की डिमांड होती है. पूर्वी बिहार व संथाल परगना तक सबसे सस्ता कपड़ा भागलपुर में उपलब्ध है. यहां दूर-दूर से ग्राहक पहुंचते हैं. ऐसे में कपड़ा बाजार से केवल आठ करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ.
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