भागलपुर 17 मई शुक्रवार को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जायेगा. इसका उद्देश्य लोगों को उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) के प्रति जागरूक करना है. यह एक आम धारणा है कि उच्च रक्तचाप केवल वयस्कों की समस्या है, लेकिन हाल के वर्षों में यह बीमारी बच्चों में भी तेजी से पाई जाने लगी है. यदि समय रहते इसका पता न चले तो यह बच्चों के दिल, किडनी और मस्तिष्क को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग के एचओडी डॉ अंकुर प्रियदर्शी ने बताया कि जेएलएमसीएच के शिशु रोग विभाग में हर माह लगभग 10-15 बच्चे में हाइपरटेंशन का पता चलता है, जिसमें ज्यादातर बच्चे किडनी की समस्या से ग्रसित होते हैं. बच्चों में उच्च रक्तचाप को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. जागरूकता और समय पर जांच से इस स्थिति को रोका जा सकता है. इस विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर आइए संकल्प लें कि हम अपने बच्चों को एक स्वस्थ जीवनशैली प्रदान करेंगे, ताकि वे स्वस्थ और समृद्ध जीवन जी सकें. जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ पंकज मनस्वी ने बताया कि अपने रक्तचाप को सटीक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें, और लंबा जीवन जीवन जीये.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है