-केंद्रीय टीम कुछ दिनों तक शहर में रहेगी, आम नागरिकों से फीडबैक लेने व सफाई व्यवस्था की करेगी समीक्षा
वरीय संवाददाता, भागलपुरनगर निगम क्षेत्र में स्वच्छता अभियान की परीक्षा शुरू हो गयी है. यहां पहुंची केंद्रीय टीम ने सोमवार से शहर का जायजा लेना शुरू की है. टीम के साथ सिटी मैनेजर विनय कुमार यादव रहे. बताया जा रहा है कि निगम की ओर से टीम को अपने मुताबिक घुमाने की कोशिश की गयी लेकिन, टीम ने साफ कह दिया कि उन्हें उनका काम अपने अनुसार पूरा करने करने दें. तीन सदस्यीय टीम यहां कुछ दिनों तक रहेगी. टीम आम नागरिकों से फीडबैक लेने व सफाई व्यवस्था की समीक्षा करेगी. इधर, सर्वे के लिये केंद्रीय टीम जहां भी गई, वहां गंदगी ही गंदगी दिखी. इस संबंध में सिटी मैनेजर विनय कुमार यादव से बात करने की कोशिश की गयी, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.शहर में टॉयलेट, साफ-सफाई आदि को परखा जा रहा है. हर साल शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से स्वच्छता सर्वेक्षण किया जाता है. अंतिम चरण के तहत यह सर्वेक्षण करीब एक सप्ताह तक चलने वाला है. केंद्र सरकार की टीम हर वार्डों का निरीक्षण करेगी. इधर, शहर की गंदगी को ढकने के लिए निगम के अधिकारियों की सक्रियता बढ़ गयी है. अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक हर स्तर पर सतर्क दिख रहे हैं. अभी तक निगम प्रथम चरण में डेस्क टॉप असेसमेंट में पास हो चुका है. अब केवल धरातल पर हो रहे सर्वेक्षण में बेहतर अंक लाना होगा.
इप्सोस रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड की टीम कर रही सर्वेक्षण
शहर में इप्सोस रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड की टीम सर्वेक्षण कर रही है. टीम लीडर शिवानंद शुक्ला के साथ सहयोगी सूरज व राहुल कुमार हैं. टीम के सदस्यों ने केंद्रीय मुख्यालय से मिली लोकेशन के आधार पर शहर के अलग-अलग वार्डों में जाकर टेबलेट से सफाई, नाली, सड़क, शौचालय, टॉयलेट सहित अन्य जरूरी फोटोग्राफ ली है. वार्ड एक में दो और वार्ड दो में एक शौचालय का जायजा लिया. टीम ने चंपानगर, तांतीबाजार, एसआर स्कूल मार्ग, नाथनगर सुभाष चौक, मनसकामना नाथ मंदिर मार्ग व नरगा क्षेत्र का सर्वे किया.टीम के पहुंचने से पहले चकाचक करने की कोशिश
निगम की टीम सर्वे से पहले वार्ड की पूरी सफाई करवा रहा था. चूना व ब्लीचिंग का मार्ग में छिड़काव कराया.
रिपोर्ट के अनुकूल सफाई न मिलने पर होगी अंकों में कटौती
बताया जा रहा है कि पोर्टल पर अपलोड किये गये डाक्यूमेंट्स में किये गये दावों और जमीनी हकीकत में फर्क होने पर निगेटिव मार्किंग होगी. यानी अंक में कटौती हो सकती है. बताया जाता है कि पहले सर्वेक्षण के लिए कुल 9500 अंक निर्धारित किए गये थे. लेकिन, इस बार इसे बढ़ाकर 12500 कर दिया गया है. गाइडलाइन के मुताबिक यदि डाक्यूमेंट और फील्ड सर्वे में 20 फीसदी से अधिक का फर्क पाया जाता है, तो अंक कटेगा. यह कटौती विभिन्न स्तर पर होगी. स्वच्छ सर्वेक्षण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नगर निगम को खाली पड़े भू-भाग, नालों की सफाई, कचरा प्रबंधन, उठाव, जलनिकासी आदि पर ध्यान देना होगा. गली-मोहल्लों और वार्डों की जाम नालियों व मुख्य नालों की उड़ाही कराना जरूरी है. यदि यह काम नहीं किया गया तो स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर को नुकसान हो सकता है. हालांकि, निगम की कोशिश है कि पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन हो.मेयर ने सिटी मैनेजर को दिया निर्देश, हर दिन की मांगी रिपोर्ट
मेयर डॉ बसुंधरा लाल ने बताया कि सिटी मैनेजर से टीम की गतिविधियों की जानकारी ली गयी है. लेकिन, उनकी ओर से फोटो और डिटेल्स उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. इसकी वजह से उन्हें निर्देशित किया कि वह हर दिन फोटो और गतिविधियों की जानकारी देंगे. यह रिकॉर्ड के लिहाज से भी सुरक्षित रखा जायेगा.
लचर सफाई व्यवस्था और निगरानी नहीं होने से बढ़ नहीं सका ग्राफ
शहर में लचर सफाई व्यवस्था और निगरानी नहीं होने से स्वच्छता सर्वेक्षण के अंक का ग्राफ नहीं बढ़ सका. कूड़ा निस्तारण व घर-घर कूड़ा संग्रह की अव्यवस्था के कारण शहर स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ता रहा है. निगम सफाई व्यवस्था पर लाखों रुपये खर्च करता है. वार्डों से लेकर शहर से कूड़ा संग्रहण व डंपिंग कार्य के लिए एक हजार से अधिक मजदूर निगम के पास हैं. बावजूद इसके घर-घर कूड़ा संग्रह, गलियों से कूड़ा उठाव और निस्तारण की व्यवस्था को निगम प्रशासन दुरुस्त नहीं कर सका.स्वच्छता रैंकिंग में भागलपुर का स्थान
वर्ष : रैंक :-2016 : 350वां स्थान- 2017 : 275वां स्थान
– 2018 : 465वां स्थान- 2019 : 412वां स्थान- 2020 : 379वां स्थान- 2021 : 366 वां स्थान-2022: 365 वां स्थान-2023: 403 वां स्थानडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है