25.7 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

bhagalpur news.एक महीना बाद श्रावणी मेला हो जायेगा शुरू, सपना ही रह गया मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग का निर्माण

विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेला 11 जुलाई को शुरू हो जायेगा. कांवरियों व श्रद्धालुओं की इस बार भी भारी भीड़ होने की उम्मीद है.

भागलपुर विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेला 11 जुलाई को शुरू हो जायेगा. कांवरियों व श्रद्धालुओं की इस बार भी भारी भीड़ होने की उम्मीद है. बावजूद इसके श्रद्धालुओं व कांवरियों को ठहराने के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग के प्रस्ताव पर काम आगे नहीं बढ़ सका. यह प्रस्ताव 16 जनवरी को ही जिलाधिकारी ने नगर विकास व आवास विभाग के सचिव को भेज दिया था. मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग की आवासन क्षमता 5,000 करने की योजना है. डीएम ने इसके निर्माण की स्वीकृति प्रदान करते हुए इस कार्य में संभावित लागत लगभग 20 करोड़ का आवंटन उपलब्ध कराने की मांग की थी.

धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व से जुड़ा है सुलतानगंज

फोटो : बजगैवीनाथ मंदिर की (फाइल)

सुलतानगंज धार्मिक व ऐतिहासिक दृष्टिकोण से विशिष्ट महत्व रखता है. गंगा के जाह्नवी के रूप में नामकरण की कथा यहीं से जुड़ी है. श्रावणी मेला का आयोजन सावन मास में होता है. इसमें सुलतानगंज की उत्तरवाहिनी गंगा से जल भरकर तीर्थयात्री व श्रद्धालु कांवर यात्रा कर लगभग 105 किलोमीटर पैदल चलते हुए बाबा धाम स्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक करने पहुंचते हैं. इस अवसर पर पूरे एक माह उत्सवी होता है.

इसलिए जरूरी है मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग

श्रावणी मेला में हर साल श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. पिछले वर्ष करीब 1.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का आगमन हुआ था. यह अपनेआप में एक अद्भुत रिकॉर्ड है. तीर्थयात्रियों को ठहराने के लिए जर्मन हंगर की व्यवस्था वर्ष 2024 में की गयी थी. लेकिन आनेवाले वर्षों में सिर्फ इससे काम नहीं चल सकता है. जरूरतें लगातार बढ़ती जा रही हैं और अस्थायी व्यवस्था करने में बड़ी राशि खर्च करना पड़ता है. मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग बन जाने से खर्च में कमी आयेगी.

रेलवे की जमीन चिह्नित, पर ट्रांसफर का पेच

सुलतानगंज में जहाजघाट के पास रेलवे की अनुपयोगी 17 एकड 47.625 डिसमिल जमीन उपलब्ध है. इस जमीन पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है. बरसात के दिनों में नाले का पानी और गंगा नदी का रिवर्ट करेंट से उक्त भू-भाग डूबा रहता है. जमीन के ट्रांसफर के लिए मालदा के मंडल रेल प्रबंधक को लीज पर देने, बदलेन या स्थायी रूप से देने के प्रस्ताव के लिए 28.11.2024 को डीएम द्वारा मांग की गयी थी. इसकी सूचना ई-मेल के माध्यम से पर्यटन विभाग व नगर विकास विभाग को भी प्रेषित की गयी थी. लेकिन प्रगति नहीं हो रही है.

ये है योजना यदि उक्त भू-भाग की मिट्टी भराई व ऊंचा कराने के लिए अर्थवर्क करा दिया जाये, तो यह डूबेगा भी नहीं और उपयोगी भी हो जायेगा. साथ ही स्थायी नाले की व्यवस्था करके नाले की गंदगियों व गंगा के रिवर्ट करंट का स्थायी निदान करने का प्रस्ताव बनाया गया है. इसके बाद उक्त भूमि पर पर्यटकीय दृष्टिकोण से बहुमंजिली इमारत का निर्माण कर श्रद्धालुओं व कांवरियों को ठहराने के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करा दी जायेगी. इससे प्रति वर्ष होनेवाले खर्च में भी कमी आयेगी.

मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग बनाने की यह वजह भी

सावन के बाद भी अन्य महीनों में (सालों भर) श्रद्धालओं व कांवरियों का आगमन होते रहता है. लेकिन स्थायी व्यवस्था नहीं रहने से श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होती है. सिर्फ सावन में ही सरकारी तौर पर अस्थायी व्यवस्था हो पाती है. दूसरी वजह यह है कि यहां स्थायी व्यवस्था होने पर सुलतानगंज का पर्यटकीय दृष्टिकोण से भी विकास होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel