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bhagalpur news. दूसरे प्रदेश में दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों के आश्रितों को दोगुणी मिलेगी सहायता राशि

दूसरे राज्यों में जान गंवाने वालों के आश्रितों को मिलेगी दोगुणी मुआवजा राशि.

-जनवरी से अबतक 20-25 लोगों की दूसरे प्रदेश में हो चुकी है मौत, श्रम विभाग कर रहा आवेदन का निबटारा

ब्रजेश, भागलपुर

जीवनयापन के लिए दूसरे राज्य में मजदूरी के दौरान अगर भवन गिरने से दबकर मौत हो जाती है, सड़क व रेल दुर्घटना के शिकार होते हैं अथवा आपराधिक घटना में जान चली जाती है, तो आश्रितों को अब दोगुनी सहायता राशि मिलेगी. श्रम संसाधन विभाग द्वारा बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना चलायी जा रही है और इस योजना के तहत आर्थिक सहायता राशि को दोगुनी कर दी गयी है. भागलपुर और बांका के लोग बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में रहकर जीवनयापन करते हैं.

हर माह एक-दो लोगों की दूसरे प्रदेश में हो रही मौत

दूसरे राज्यों में भागलपुर जिले के एक-दो लोगों की मौत दुर्घटना में हर माह हो जाती है. श्रम विभाग के अनुसार इस साल जनवरी से अबतक 20-25 लोगों की मौत हो गयी है और आश्रित की ओर से आवेदन आया है, जिसका निबटारा किया जा रहा है. कहलगांव के व्यक्ति की मौत गुजरात के भरोच में हो गयी है और आश्रित का आवेदन आया है. आश्रित को इस योजना के तहत आर्थिक सहायता राशि मिलेगी.

जानें, योजना के बारे में :

18 से 65 आयु वर्ग वाले जिले के मजदूरों की मौत दूसरे राज्यों में होती है तो राज्य सरकार उनके आश्रितों को मुआवजा देती है.उन्हें दुर्घटना के दौरान स्थायी व अस्थायी अपंगता की स्थिति में अनुदान देने का प्रावधान है.

दोगुना हुई अनुदान राशि :

मृत्यु की स्थिति में: 02 लाख रुपये

स्थायी पूर्ण अपंगता की स्थिति में : 01 लाख रुपये

स्थायी आंशिक अपंगता की स्थिति में : 50 हजार रुपये

इन घटनाओं में मिलती है मदद

रेल एवं सड़क दुर्घटना, बिजली करंट, सर्पदंश, अग्नि, पेड़ या भवन गिरने, जंगली जानवरों का आक्रमण, आतंकवादी या आपराधिक में मृत्यु होने पर आर्थिक सहायता राशि आश्रितों को मिलेगी.

इस पर नहीं मिलेगी आर्थिक सहायता राशि

स्वयं या लगाया गया चोट, आत्महत्या, नशे के कारण मौत, आपराधिक गतिविधियों में क्षति और मृत्यु पर इस योजना के तहत आर्थिक सहायता राशि नहीं मिलेगी.

ऐसे उठाएं योजना का लाभ

अनुदान के लिए आवेदन स्वयं या उनके आश्रित को आटीपीएस काउंटर या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से कर सकते हैं. बीडीओ से प्राप्त अनुशंसा के अलोक में श्रम अधीक्षक के माध्यम से डीएम द्वारा आवेदन स्वीकृत किया जायेगा. श्रम अधीक्षक को योजना का प्रभारी बनाया गया है. आवेदन का निपटारा 44 दिनों में किया जाता है.

काेट

हर महीने एक-दो लोगों की दूसरे प्रदेश में मौत पर आश्रितों के आवेदन का निबटारा किया जा रहा है. अनुदान राशि दोगुनी हो गयी है.

निखिल कुमार रंजन

असिस्टेंट लेबर कमिश्नर, भागलपुर

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