टीएमबीयू में चल रहे एमसीए कोर्स के सिलेबस को लेकर विवाद गहराने लगा है. विभाग के फैकल्टी सह शिक्षक डॉ शिव शंकर प्रसाद ने कहा कि वर्ष 2024 से निदेशक द्वारा नया सिलेबस से पढ़ाने का आदेश दिया गया है. छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों द्वारा बार-बार नये सिलेबस की मांग करने पर भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. सिर्फ पीडीएफ ही उपलब्ध कराया जा रहा है. कोर्स के निदेशक आखिर शिक्षकों व छात्र-छात्राओं को नया सिलेबस क्यों नहीं दे रहे हैं. उधर, काेर्स के निदेशक प्राे निसार अहमद ने कहा कि काेर्स वीकेएसयू आरा के पैटर्न पर है. यह राजभवन से मान्यता प्राप्त है. साथ ही ऑल इंडिया काउंसिल टेक्निकल एजुकेशन के रेगुलेशन के तहत है. इसे च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के आधार पर वीकेएसयू आरा ने इसका ड्राफ्ट तैयार किया था. इस काेर्स काे पहले चल रहे तीन वर्ष के सिलेबस की जगह दो वर्ष का किया गया. फिर अनुमति के लिए राजभवन काे भेजा गया था. राजभवन से अनुमति मिलने के बाद सूबे के सभी विवि में इसे लागू किया गया है. इसका पत्र राजभवन के ओएसडी न्यायिक बालेंद्र शुक्ला ने 12 जुलाई 2024 काे जारी किया था. कहा कि टीएमबीयू में भी इसे लागू किया गया है. वहीं, डॉ शिव शंकर प्रसाद ने कहा कि वीकेएसयू आरा के पैटर्न पर तैयार जरूर किया गया है, लेकिन सभी विवि अपने स्तर से सिलेबस में थोड़ा बहुत बदलाव कर सकते हैं. क्योंकि सभी विवि में कुछ-कुछ अलग रहता है. ऐसे में थोड़ा बहुत बदलाव हो सकता है. कहा कि कोर्स निदेशक की बात मान भी ली जाये, तो शिक्षक व छात्रों काे सिलेबस उपलब्ध कराया जायेगा. उनके द्वारा एमसीए के छात्रों व शिक्षकों के ग्रुप में पीडीएफ क्यों भेजा जा रहा है.
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