= सुरक्षा की मांग को लेकर दिया आवेदन
प्रतिनिधि, नवगछिया
सोमवार की देर रात रंगरा थाना क्षेत्र के भवानीपुर गांव के अशोक पासवान की पत्नी सरिता देवी (43) को हार्ट अटैक आने के बाद उनके परिजनों द्वारा अनुमंडल अस्पताल नवगछिया लाया गया. अस्पताल में इलाज के क्रम में परिजनों ने डॉक्टर और स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए गाली-गलौज और मारपीट की. पीड़िता के परिजनों का आरोप था कि आपात स्थिति के बावजूद अस्पताल में कोई डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी नहीं थे. आपातकालीन व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है, जिससे समय रहते इलाज नहीं हो सका और मरीज की जान चली गयी. प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर अफजल हुसैन कासमी ने मरीज को मायागंज अस्पताल रेफर किया था, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी.ईएमटी कर्मियों ने की सुरक्षा की मांग
घटना के बाद नवगछिया अनुमंडल अस्पताल के आपातकालीन सेवा में तैनात ईएमटी कर्मियों ने सुरक्षा की मांग को लेकर कार्य से स्वयं को अलग कर लिया है. ईएमटी स्टाफ प्रवीण कुमार, छोटू कुमार, गौरव कुमार, विकास कुमार, शशि कुमार, अखिलेश कुमार और अजीत कुमार ने अस्पताल प्रबंधन को आवेदन देकर स्पष्ट किया है कि जब तक सभी चिकित्सकों और स्टाफ को समुचित सुरक्षा नहीं दी जाती, तब तक वे इमरजेंसी वार्ड में कार्य नहीं करेंगे. कहा कि अस्पताल में सेवा देने के दौरान मारपीट और अभद्रता का सामना करना पड़ता है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने मांग की है कि अस्पताल प्रशासन सुरक्षा गार्ड की स्थायी तैनाती सुनिश्चित करे और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए.
अस्पताल प्रबंधन की ओर से अब तक कोई पहल नहीं
मामले में अस्पताल प्रबंधन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आयी है. हालांकि, आपातकालीन सेवाओं के ठप हो जाने से मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थिति पर सभी की निगाहें टिकी है कि अस्पताल प्रशासन किस प्रकार से कर्मियों की मांगों का समाधान करता है और सेवाओं को पुनः बहाल करने की दिशा में कौन-से कदम उठाए जाते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है