बिहपुर. प्रखंड में गुरुवार की शाम आंधी तूफान के साथ बेमौसम बारिश से प्रखंड के किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. 20 एकड़ की गेहूं/मकई की खेती करने वाले मड़वा के किसान अरुण बताते हैं कि अभी गेहूं की कटनी हो चुकी है. ऐसे में अब बारिश से गेहूं का रंग फीका पड़ जायेगा और गुणवत्ता में भी कमी आयेगी जिससे लागत मूल्य निकल पाना संभव नहीं है. पानी लगने से भूसा की गुणवत्ता में भी कमी आयेगी. मकई की खेती करने वाले जमालपुर के किसान मुकेश मंडल बताते हैं,की इस वर्ष मकई में भखड़ा का प्रकोप पहले ही था अब वर्षा होने के कारण तेज हवा चलने से मकई के पौधे खेतों में लेट गए जिसके कारण भारी नुकसान हो गया। वहीं आम,लीची में इस वक्त बारिश होने से कई सारी समस्या हो सकती है एवं केला के बगानों में भी तेज हवा से काफी नुकसान हो गया. कई आम के दो वर्षीय पेड़ टूट गये. इस बारिश से आम लीची के किसान को कोई नुकसान नहीं है. बारिश से पूर्व जो आम में मधुआ रोग लग रहा था,इससे किसानों को निजात मिलगी.
बिजली की आंख मिचौनी से जनजीवन अस्त-व्यस्त
हल्की बारिश से गुरुवार की सुबह से ही नवगछिया के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आंख मिचौनी शुरू हो गयी, जो देर रात तक जारी रही. बार-बार बिजली कटने व घंटों सप्लाई बंद रहने से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. हाईलेवल फीडर और शहरी फीडर दोनों में तकनीकी खराबी या व्यवस्थागत लापरवाही से से दिनभर बिजली बहाल नहीं हो सकी. ग्रामीण इलाकों में पानी टंकी तक बिजली नहीं पहुंचने से लोगों को पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी. बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ा, तो दुकानदार और व्यवसायी वर्ग को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा. स्थानीय सुरेश मंडल ने बताया कि थोड़ी सी बारिश हुई नहीं कि बिजली चली जाती है. रातभर सो नहीं पाये, पंखा बंद, मोबाइल डिसचार्ज और पानी तक नहीं था. यह समस्या हर बार होती है, लेकिन कोई समाधान नहीं होता. मधुर बाला, जो एक शिक्षिका हैं, ने कहा, ऑनलाइन क्लासेस और पढ़ाई दोनों प्रभावित हो रही हैं. लोगों ने मांग की है कि बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए और बारिश या हल्की आंधी-पानी में बार-बार बिजली गुल होने की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए, ताकि आम जनजीवन सामान्य रह सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है