– फेडरेशन ऑफ रिटायर्ड युनिवर्सिटी ऐंड काॅलेज टीचर्स एसोसिएशन ऑफ बिहार (फ्रुक्टाब) की ऑनलाइन हुई बैठक
टीएमबीयू पेंशनर्स संघर्ष मंच के संयोजक प्रो पवन कुमार सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को फेडरेशन ऑफ रिटायर्ड युनिवर्सिटी ऐंड काॅलेज टीचर्स एसोसिएशन ऑफ बिहार (फ्रुक्टाब) की ऑनलाइन बैठक हुई. दस विश्वविद्यालयों के रिटायर्ड टीचर्स ने बैठक में भाग लिया.
प्रो पवन कुमार सिंह ने बताया कि बैठक में पेंशनरों से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गयी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच चल रही रस्साकशी का खामियाजा पेंशनरों को भुगतना पड़ रहा है. संगठन मुद्दे को लेकर अभियान शुरू करेगा. सरकार द्वारा जारी पेंशन अनुदान को ट्रेजरी के माध्यम से सीधे पेंशनरों के खाते में जमा किया जाये. ताकि विवि के शोषण से मुक्ति मिल जाये. संगठन ने मांग किया है कि पेंशनरों को आयकर के दायरे से मुक्त किया जाये. साथ ही बढ़ती उम्र के साथ चिकित्सा में अधिक खर्च करना होता है. चिकित्सा भत्ता मात्र एक हजार रुपए ही दिया जा रहा है. यह राशि अपर्याप्त है. इसमें वृद्धि की मांग की जायेगी.उन्होंने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार पेंशन योजनाओं पर खर्च होने वाली राशि को अनुत्पादक व्यय मानकर नीतियां निर्धारित कर रही है.जानकारी मिल रही है कि केंद्र सरकार प्रस्तावित आठवें वेतन आयोग के लाभ से पुराने पेंशनरों को वंचित करने की योजना पर काम कर रही है. वित्त मंत्री के मौखिक आश्वासन के बावजूद पेंशनरों के राष्ट्रीय नेतृत्व को लिखित रूप से वचन देने से इनकार करने से सरकार की मंशा पर आशंका का पुष्ट आधार बन जाता है. उन्होंने बताया कि पुराने पेंशनरों के हित के विरुद्ध सरकार कोई प्रक्रिया शुरू करती है, तो संघर्ष का ही विकल्प रह जायेगा. उस स्थिति के लिए सभी को तैयार रहना होगा. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों के अधीन आने वाले विभिन्न सहधर्मी संगठनों के साथ तालमेल और समन्वय बनाने का काम शुरू किया जाना चाहिए. स्थानीय विश्वविद्यालयों के स्तर पर पेंशनरों के साथ व्यापक रूप से अन्याय हो रहा है. समस्या के निदान के लिए स्थानीय साथियों के संघर्ष में प्रदेश नेतृत्व सक्रिय सहयोग करेगा. बैठक में प्रो अशोक कुमार बर्मन, प्रो विजेन्द्र प्रसाद सिंह, प्रो जेएन शुक्ला, डॉ सुहास कुमार गांगुली आदि शामिल हुए.
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