– अंगीभूत व संबद्ध कॉलेजों को मिला कर करीब 300 से ज्यादा छात्र-छात्राओं को लगा एनईपी- विवि में स्नातक सत्र 2024-28 सेमेस्टर वन का मामला, सेमेस्टर टू में जाने पर रोक
वरीय संवाददाता, भागलपुर
टीएमबीयू के कॉलेजों में इंटरनल परीक्षा नहीं देने वाले छात्र-छात्राओं को सेमेस्टर वन का परीक्षा फॉर्म भरा दिया गया. ऐसे विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम पर एनईपी लगा है. अंगीभूत व संबद्ध कॉलेजों को मिला कर ऐसे 300 से ज्यादा छात्र-छात्राओं के रिजल्ट पर एनईपी लगा है. मामला स्नातक सत्र 2024-28 सेमेस्टर वन का है. अब ये विद्यार्थी सेमेस्टर टू में नहीं जा सकते हैं. उन्हें सेमेस्टर वन की परीक्षा पहले पास करना होगा. दूसरी तरफ एनईपी मामले को लेकर छात्र जदयू के विवि अध्यक्ष मो ऐहसानुल राजा ने कुलपति से लिखित शिकायत की है. छात्र नेता ने आवेदन के माध्यम से कहा कि सेमेस्टर वन में जिन छात्र-छात्राओं को एनईपी लगा है. सभी को स्नातक सेमेस्टर टू में प्रवेश दिया जाये. उन्होंने आवेदन में कहा कि अंगीभूत व संबद्ध कॉलेजों को मिला कर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं को एनईपी लगा गया है. छात्र नेता ने विवि प्रशासन ने अनुरोध किया है कि विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए उन्हें सेमेस्टर टू में प्रवेश दिया जाये.एनईपी को लेकर विद्यार्थियों ने विवि व कॉलेज में किया था हंगामा
जुलाई के प्रथम सप्ताह में एनईपी को लेकर कई कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने विवि में हंगामा किया था. एनईपी को हटाने की मांग कर रहे थे. परीक्षा नियंत्रक का घेराव भी किया था. मामले को लेकर मारवाड़ी कॉलेज में भी छात्र-छात्राओं ने हंगामा किया था. कॉलेज कैंपस में धरना पर बैठ गये थे. छात्रों का कहना था कि एनईपी हटाया जाये. उनलोगों को प्रमोट करते हुए सेमेस्टर टू में प्रवेश दिया जाये. इस बाबत विवि के अधिकारियों का कहना था कि राजभवन से जारी रेगुलेशन के तहत स्नातक चार वर्षीय कोर्स में विद्यार्थियों की इंटरनल परीक्षा अनिवार्य है. अगर इंटरनल परीक्षा नहीं देते हैं, तो ऐसे छात्र को एनईपी लगेगा. उन्हें सेमेस्टर वन पास करने के बाद ही सेमेस्टर टू में प्रवेश दिया जा सकता है.कुछ कॉलेजों ने आधा नंबर कम देकर इंटरनल परीक्षा में विद्यार्थी को किया फेल
कुछ कॉलेजों में इंटरनल परीक्षा में आधा नंबर कम देकर फेल करने का मामला भी सामने आया है. जबकि, इंटरनल परीक्षा में 13.5 अंक में विद्यार्थी पास होंगे. इसे लेकर विद्यार्थियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. मारवाड़ी कॉलेज सहित कई अन्य कॉलेजों में इस तरह का मामला आ रहा है. उन छात्र-छात्राओं को इंटरनल परीक्षा में 13.5 अंक के बदले शिक्षकों ने 13 अंक देकर फेल कर दिया है.कॉलेजों की गलती से विवि परेशान : परीक्षा नियंत्रक
विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ कृष्ण कुमार ने कहा कि कॉलेजों की गलती से विवि परेशान है. कॉलेजों ने इंटरनल परीक्षा नहीं देने वाले ऐसे छात्र-छात्राओं का सेमेस्टर वन का परीक्षा फॉर्म भरवा दिया. यह नियमानुसार गलत है. जबकि कॉलेजों को अपने स्तर से परीक्षा फॉर्म भराने के समय देखना चाहिए था कि इंटरनल परीक्षा कौन-कौन नहीं दिया. उसी के अनुसार परीक्षा फॉर्म भरवाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि स्नातक के नये रेगुलेशन के तहत इंटरनल परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य है. इसमें पास भी करना है. ऐसा नहीं करने पर उन विद्यार्थी को एनईपी लगता है. परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि जिन छात्र-छात्राओं को इंटरनल परीक्षा में आधा नंबर से फेल किया गया है. उनका मामला परीक्षा बोर्ड में रखने के लिए फाइल बढ़ा दी गयी है.
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