कला, संस्कृति व युवा विभाग ने सहायक संग्रहालय अध्यक्ष को सौंपी है जिम्मेदारी उपमुख्य संवाददाता, भागलपुर भागलपुर के दो और बांका के एक पुरास्थलों की साफ-सफाई की जायेगी. साथ ही तीनों स्थलों पर सुरक्षा के काम भी होंगे. इन स्थलों में भागलपुर के बिहपुर प्रखंड क्षेत्र स्थित गुआरीडीह, शाहकुंड प्रखंड क्षेत्र स्थित खेरी पहाड़ी और बांका जिले में चांदन नदी के तट पर स्थित भदरिया पुरास्थल शामिल है. इनकी साफ-सफाई और सुरक्षा कार्य का निर्णय बिहार सरकार के कला, संस्कृति व युवा विभाग ने लिया है. काम कराने की जिम्मेदारी भागलपुर के सहायक संग्रहालय अध्यक्ष को सौंपी गयी है. तीनों स्थलों की ऐतिहासिक महत्ता है और इनमें दो स्थलों का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निरीक्षण कर चुके हैं. इन सभी स्थलों को राजकीय सुरक्षित पुरास्थल के रूप में बिहार सरकार से पहले से घोषित है. विभाग ने गुआरीडीह के लिए 50 हजार, खेरी व भदरिया के लिए एक-एक लाख रुपये जारी किया है. ————- गुवारीडीह पुरास्थल : मिल चुके हैं 2500 वर्ष पुराने अवशेष बिहपुर स्थित कोसी नदी के तट पर गुवारीडीह टीले के अंदर 2500 वर्ष पुराने बुद्धकालीन पुरावशेष मिले हैं. पुरावशेष मिलने की जानकारी पर 20 दिसंबर, 2020 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्थल का निरीक्षण किया था. मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि पुरातात्विक अवशेषों के संरक्षण के लिए कोसी की धारा मोड़ी जायेगी और ढाई हजार साल पुराने अवशेषों का पूर्ण अध्ययन कराया जायेगा. यहां पर कृष्ण लोहित मृदभांड, धातुमल, हिरण, बारहसिंहा जैव जीवाष्म, कृषि उपकरण आदि मिले थे. ———– खेरी पुरास्थल : प्राचीन मूर्तियों से भरी है पहाड़ी शाहकुंड मुख्य बाजार के सामने सैकड़ों फीट की उंचाई पर खेरी पुरास्थल है. यहां प्राचीनकाल की मूर्तियां, हाथी का किला आदि हैं. बाबा गिरिवरनाथ का शिवलिंग पर्यटन के रुप में पहचान बना चुका है. बाबा गिरिवरनाथ का इतिहास बंगाल के राजा शशांक के शासनकाल से जुड़ा है. पहाड़ पर शिवलिंग, कुंआ व घने जंगल आकर्षण के केंद्र हैं. सैकड़ो सीढ़ियां चढ़ कर लोग पहाड़ के शिखर पर पहुंचते हैं. यहां के आनंद का अनुभव अद्भुत हैं. पहाड़ के ऊपर का दृश्य पर्यटकों को लुभाता है. —————- भदरिया पुरास्थल : मिली थी ऋग्वेदकालीन पत्थरों की दीवार भदरिया गांव के चांदन नदी के तट पर मिट्टी की दीवार मिली थी. इसकी जानकारी मिलने पर भागलपुर व पटना पुरातत्व विभाग की टीम समेत विभिन्न साहित्यकारों ने चांदन नदी के तट पर पहुंचकर स्थल का निरीक्षण किया था. 12 दिसंबर, 2020 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भदरिया गांव पहुंचकर चांदन नदी तट पर मिले अवशेषों का अवलोकन किया था. इस दौरान सीएम ने नदी की धार मोड़ कर स्थल को पर्यटक स्थल घोषित करने का निर्देश दिया था. पुरातत्वविदों का मानना है कि यहां ऋग्वेदकालीन पत्थरों की दीवार मिली है.
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