भीषण गर्मी से पशु बेहाल हैं और दुधारू पशुओं ने दूध देना कम कर दिया है. गर्मी से आमलोगों के साथ पशुओं की भी परेशानी बढ़ गयी है. दुधारू पशुओं ने 30 से 40 फीसदी तक दूध देना कम कर दिया है. इतना ही नहीं दुग्ध उत्पादक केंद्र से लेकर दैनिक दूध उपभोक्ताओं को दूध मिलना कम हो गया है. इतना ही नहीं लगन व अन्य आयोजनों में दूध की मांग बढ़ने पर दूध की कीमत 25 फीसदी तक चढ़ गयी है. पिछले कुछ दिन से भागलपुर समेत पूरे अंग क्षेत्र में 40 डिग्री सेल्सियस के करीब तापमान है. उपचार के लिए हीट स्ट्रोक से प्रभावित पहुंच रहे पशु अस्पताल पशु अस्पतालों में हीट स्ट्रोक से प्रभावित पशु उपचार के लिए पहुंच रहे हैं. इस बीमारी पर यदि शीघ्र काबू नहीं पाया जाये तो पशु की मृत्यु हो सकती है. हास्टन फ्रीजियन व जर्सी गाय का 30 प्रतिशत दूध उत्पादन कम हो गया है. प्रतिदिन 20 लीटर दूध देने वाली गाय 15 लीटर दे रही है. इन नस्लों की गाय गर्मी सहन नहीं कर पा रही और बीमार पड़ने लगी हैं. जिला पशुपालन विभाग की ओर से सभी 16 प्रखंडों के पशु चिकित्सालयों को अलर्ट कर दिया गया है. भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी जागरूकता फैला रहे हैं. निःशुल्क उपचार की सुविधा दी जा रही है. शहर के अलीगंज के पशुपालक लाल प्रकाश यादव बताया कि उनके पास पांच-छह गायें हैं, जो 30 फीसदी तक दूध देना कम किया है. दो पशु पर गर्मी का खास असर दिख रहा है. भवनाथपुर के दूसरे पशुपालक मनचुन मंडल ने बताया कि गाय और भैंस दोनों पालते हैं. थोड़ी असावधानी के कारण गायों ने भोजन कम कर दिया. दूध भी पहले से आधा देने लगी है. भैंस का दूध अभी 60 रुपये लीटर की बजाय 90 रुपये लीटर और गाय का दूध 45-50 की बजाय 70 रुपये लीटर मिलने लगा है. गौशाला, कुप्पाघाट आश्रम समेत अन्य गाय के खटालों में लगाये गये कूलर व पंखा शहर के गौशाला में गायों को सामान्य रखने व गर्मी से बचाने के लिए कूलर व पंखा की व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा दिन में दो बार स्नान कराया जा रहा है. मंत्री सुनील जैन ने बताया कि गौशाला में हर माैसम में अलग व्यवस्था होती है. ठंड के दिनों में हीटर व अलाव की व्यवस्था होती है, तो गर्मी के दिन में कूलर व पंखा की व्यवस्था की जाती है. इस बार भी कूलर व पंखा की व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा ठंडा पानी से स्नान कराया जा रहा है. यही व्यवस्था कुप्पाघाट आश्रम परिसर स्थित गोशाला में भी है. रमेश बाबा ने बताया कि यहां पंखा के साथ पानी से नहलाने की सुविधा है. पशुओं को सुबह व शाम को ठंडा पानी से स्नान करायें : डॉ अंजली गर्मी के कारण पशुओं ने दूध देना कम कर दिया है. मवेशी को टीना के शेड में किसी भी हालत में नहीं रखें. टीन का शेड है, तो उसके लिए नीचे फूस लगायें. साथ ही टीन का शेड 14 फीट ऊंचा हो. सुबह व शाम को ठंडा पानी से स्नान करायें. गर्मी से बचाव के लिए हर पशुपालकों को छायादार पेड़ के नीचे रखें. डॉ अंजली सिन्हा, जिला पशुपालन पदाधिकारी, भागलपुर
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