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bhagalpur news. छात्राओं के रास्ते में मनचलों का हौसला बुलंद, पुलिस सुस्त

शहर के मुख्य मार्गों में शामिल मनाली चौक से एसएम कॉलेज रोड पर पुलिस की गश्त ढीली पड़ रही है.

ईशु राज, भागलपुर शहर के मुख्य मार्गों में शामिल मनाली चौक से एसएम कॉलेज रोड पर पुलिस की गश्त ढीली पड़ रही है. एसएम कॉलेज में हजारों की संख्या में प्रतिदिन पढ़ाई के लिए छात्राओं का आना जाना लगा रहता है. साथ ही शाम के वक्त निजी संस्थानों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की आवाजाही लगी रहती है. संस्थागत क्षेत्र होने के कारण यहां अधिकांश छात्र-छात्राएं ही इस सड़क पर दिखायी देते हैं. साथ पढ़ाई करने के लिए दूरदराज से आए विद्यार्थी इस इलाके में रहते भी हैं. इस रोड से अक्सर छोटी-बड़ी घटनाएं भी होती रहती हैं.

इसी कड़ी में मुख्य मार्ग पर पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था की हकीकत की जब पड़ताल प्रभात खबर के संवाददाता ने की, तो पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में दिखायी दी. दरअसल, मनाली रोड बजरंगबली चौक से लेकर सुन्दरवती महिला महाविद्यालय के बगल में गंगा घाट तक बरारी और जोगसर थाने की पुलिस का क्षेत्राधिकार है. एक छात्रा के अनुसार, इन इलाकों में पुलिस की गश्ती नहीं के बराबर है. पहले यहां बरारी पुलिस की चौकी थी, जिसमें अब ताला लटका हुआ है. जिस कारण एसएम कॉलेज रोड में कुछ मनचले बेतरतीब बाइक चलाते हैं, जिससे लोगों में हादसे का डर रहता है. सबसे आश्चर्य की बात यह है कि बुधवार को बिहार बंद के दौरान एक भी बार छात्राओं की सुरक्षा के लिए पुलिस नहीं दिखी.

बरारी और जोगसर थाना क्षेत्र में एसएम कॉलेज महाविद्यालय पड़ता है. इस मुख्य सड़क पर अतिक्रमण के साथ यहां मनचलों का मनोबल भी बढ़ा हुआ है. सुबह नौ बजे से शाम 4 बजे कॉलेज की लड़कियों का आना जाना लगा रहता है. इस दौरान बाइक चालक मनचलों का आतंक रहता है. इस दौरान एक भी पुलिस दिखाई नहीं देती है. सिर्फ एक बार गश्ती की जाती है. वहीं शेरनी दल की टीम भी ड्यूटी पुराने के लिए कुछ देर रहती है, लेकिन मनचलों पर नकेल नहीं कस पाती, जिस कारण परेशानी होती है. मनचलों के समूह में रहने के कारण कोई शिक्षक भी उनसे उलझना नहीं चाहता है. छात्रा ने कहा कि हमलोगों ने एसएसपी से शिकायत करने की तैयारी में हैं.

पुलिस के नहीं होने से मनचलों का बढ़ा रहता है हौसला

एसएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि इस इलाके में छात्राओं की भीड़ रहती है. उस वक्त बाइकर्स की टोली से उन्हें परेशानी होती है. उन्हें स्टॉक करना, बाइक से पीछा करने जैसे समस्याओं का सामना करना पड़त है. पुलिस से मदद की आस रहती है, लेकिन उनकी मौजूदगी भी नहीं रहती. पहले यहां पुलिस की टीम और शेरनी दल हुआ करती थी, लेकिन उनकी गैरमौजूदगी पर मनचलों मनोबल और बढ़ा रहता है. शिक्षण संस्थानों के शिक्षक डर से नहीं बोलते हैं.

पुलिस की कार्रवाई नहीं होने से परेशानी

एक हॉस्टल संचालक रफत इंग्लिश टीचर सह छात्रा ने बताया कि एसएम कॉलेज शहर के प्रतिष्ठित कॉलेज में से एक है. इस इलाके में न्यायिक पदाधिकारी का आवास है, लेकिन शाम छह बजते ही बाइक सवारों का हुजूम लगा रहता है, जो रात आठ बजे तक जारी रहता है. शरारती तत्व बाइक में तेज आवाज वाले साइलेंसर का प्रयोग करते हैं. हास्टल से बाहर निकली छात्राओं पर फब्तियां कसते हैं, लेकिन इन्हें रोकनेवाला कोई नहीं है. मंदिर में पूजा करने वाली माताएं-बहने जब निकलती हैं तो ऐसे तत्व बाइक से कटिंग मारते हैं. कहा कि पहले इस इलाके में रोको टोको अभियान चलता था, लेकिन कई महीनों से ऐसी कार्रवाई बंद है. पुलिस चौकी बंद होने से यहां का माहौल बिगड़ा हुआ है. लोगों ने प्रशासन से पुलिस गश्ती बढ़ाने की अपील की.

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