सबौर बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ संजय कुमार अध्यक्ष एएसआरबी नई दिल्ली ने किया. इसमें देशभर से प्रतिष्ठित वैज्ञानिक नीति निर्माता और शिक्षाविदों ने भाग लिया. इसका उद्देश्य भारत में बागवानी क्षेत्र की वृद्धि के लिए नवाचार पूर्ण रणनीतियों और कार्य योजना पर मंथन करना था. अमृत काल में आजीविका सुझाव के लिए बागवानी के तीव्र विकास विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन सत्र की शुरुआत में मुख्य अतिथि ने कहा कि बागवानी राष्ट्र निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. उन्होंने पारंपरिक पद्धतियों से आगे बढ़कर विपणन ब्रांडिंग और प्रसंस्करण पर जोर दिया एवं क्षेत्रीय विशेषताओं को बढ़ावा देने व उपज के नुकसान को कम करने के लिए जीआई विशिष्ट मॉल और खुदरा स्टोर स्थापित करने का सुझाव दिया. कुपोषण की समस्या पर भी उन्होंने बागवानी के उपाय के माध्यम से एकीकृत समाधान की आवश्यकता पर बल दिया. इस आयोजन समिति के सचिव डॉ फिजा अहमद ने विश्वविद्यालय की प्रमुख उपलब्धियां को साझा किया. जिसमें 19 पेटेंट एक ट्रेडमार्क 56 किसानों के किस्म का पंजीकरण तथा जीआई डाक टिकटों का जारी होना शामिल है. डॉ एचपी सिंह पूर्व उप महानिदेशक बागवानी नई दिल्ली ने कहा कि विकसित भारत पहल के अंतर्गत सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता और लचीली अधिक उपज देने वाली संसाधन कुशल तकनीक को अपनाने की बात कही. डॉ एआर पाठक पूर्व कुलपति जूनागढ़ कृषि विवि ने कहा कि फाउंडेशन के सदस्यों के योगदान काफी सराहनीय है और उनके देशभक्ति भाव को इस पावन अवसर पर याद किया एवं उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मान भी प्रदान किए गए. इस अवसर पर डॉक्टर एसएन झा उप महानिदेशक कृषि अभियांत्रिकी आइसीएआर नई दिल्ली ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मखाना और लीची जैसी फसलों पर केंद्रित अनुसंधान की आवश्यकता को रेखांकित किया और विवि आधारित अनुसंधान को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कार्यात्मक प्रजनन की सिफारिश की. डॉ आलोक के सिक्का भारतीय प्रतिनिधि आइडब्ल्यूएमआइ नई दिल्ली ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक रूपांतरणात्मक दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया. कहा कि बागवानी कृषि जीडीपी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. सम्मेलन के दौरान महत्वपूर्ण शोध पत्रिकाओं एवं प्रकाशनों का विमोचन भी किया तथा बागवानी क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया. सभी अतिथियों ने डॉ डीआर सिंह माननीय कुलपति बिहार कृषि विवि सबौर के दूरदर्शी नेतृत्व और शिक्षा, अनुसंधान विस्तार और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को नई दिशा देने में उनके योगदान की प्रशंसा की. सम्मेलन में उपस्थित डॉ बबीता सिंह नियासी एएसएम फाउंडेशन एवं बीएयू के सभी वैज्ञानिकों ने इस सम्मेलन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई.
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