प्रतिनिधि, सबौर
गंगा के तेज कटाव से हर साल कई घर नदी में समा जाते हैं, जिससे लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. सिर्फ मसाड़ू ही नही बल्कि बाबूपुर, संतनगर, घोषपुर, फरका इंग्लिश, ममलखा मसाड़ू शंकरपुर जैसे गांव भी हर साल बाढ़ और कटाव के संकट को झेल रही है. रिंग बांध बनाओ, गांव बचाओ नारे के साथ अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता आशीष मंडल का कहना है कि अस्थाई समाधान के लिए इन सभी गांव तक रिंग बांध का निर्माण करवाया जाय. जिससे हजारों की आबादी वाले गांवों को राहत मिल सके. ग्रामीणों ने भी आशीष मंडल के अनशन का समर्थन करते हुए प्रशासन से जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की मांग की है.ग्रामीणों का कहना है कि अब केवल तात्कालिक मदद से समस्या का हल नहीं निकलेगा, बल्कि अस्थाई रूप से रिंग बांध जैसे संरचनात्मक समाधान ही गांव को बचा सकते हैं. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सीओ सबौर ने जिले के अधिकारियों की टीम के सामने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि आपलोगों का हर संभव मदद किया जाएगा लेकिन मदद के नाम पर न ही कोई देखने वाला है न कोई समझने वाला है. गरीबों को अपनी पीड़ा झेलने के लिए अपनी हालत पर छोड़ दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है