सरस्वती विद्या मंदिर अजगैवीनाथधाम में रविवार को विभाग स्तरीय प्रधानाचार्य बैठक हुई. मुख्य अतिथि बीडीओ संजीव कुमार ने कहा कि आज के समय में बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार व संस्कृति से जोड़े रखने का अनुपम प्रयास सरस्वती विद्या मंदिर में किया जा रहा है. यह आगे चलकर बच्चों की मानसिक और सांस्कृतिक वृद्धि में सहायक सिद्ध होगी. बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार व संस्कृति से जोड़े रखने की महती आवश्यकता है. मुरारका कॉलेज के दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ नागेंद्र तिवारी ने भारतीय सभ्यता व संस्कृति के उत्थान पर जोर देते हुए पुनर्जागरण का वाहक बनने का संदेश दिया. कार्यक्रम का उद्घाटन विभाग प्रमुख विनोद कुमार, बीडीओ संजीव कुमार, मुरारका कॉलेज के दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ नागेंद्र तिवारी, विद्या मंदिर कमेटी अध्यक्ष डॉ ब्रह्मदेव नारायण सत्यम, सचिव डॉ अजीत जायसवाल, सह सचिव बालकृष्ण पोद्दार व स्कूल के प्रधानाचार्य अश्विनी कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
बच्चों के सर्वागींण विकास पर मुख्य फोकस
विभाग स्तरीय प्रधानाचार्य की बैठक में शैक्षिक और सह शैक्षिक प्रस्तुतीकरण को विस्तार से बताया गया. 40 प्रधानों ने शैक्षिक गतिविधि में वार्षिक कार्ययोजना, संख्या वृद्धि, संकुल, विभाग व प्रांत स्तरीय कार्यक्रमों में सहभागिता पर विशेष बल दिया. सह शैक्षिक गतिविधि में योग, संगीत, शारीरिक और खेलकूद में भैया बहनों के साथ विद्यालय की सहभागिता सुनिश्चित करने की बात कही. संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था कर छात्रों को खेलकूद में प्रांतीय व क्षेत्रीय कार्यक्रमों में शामिल करने पर बल दिया गया. बच्चों के सर्वागींण विकास पर मुख्य फोकस रहा. अध्यक्ष डॉ ब्रह्मदेव नारायण ने बताया कि बच्चों को स्मार्ट बनाये उस हद तक ही, जहां तक वह हमारे साथ चल सके. ऐसा न हो कि पाश्चात्य संस्कृति के साथ हमें ही वह छोड़ दें. मीडिया प्रभारी हृषिकेश झा ने बताया कि कार्यक्रम तीन सत्र में हुआ. प्रधानाचार्यों ने अपने-अपने विद्यालय का शैक्षिक व सह शैक्षिक बातों को रखा. धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य अश्विनी कुमार ने किया. मौके पर हृषीकेश झा, कविता कुमारी, रंजना कुमारी, माला कुमारी, सुनील कुमार, राजेश कुमार ने कार्यक्रम के सफल संचालन में महती भूमिका निभायी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है