विश्व थैलेसीमिया दिवस के अवसर पर गुरुवार को मायागंज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में सेमिनार का आयोजन हुआ. इसका संचालन विभागाध्यक्ष डॉ अंकुर प्रियदर्शी ने किया. कार्यक्रम में अस्पताल उपाधीक्षक सह प्रभारी ब्लडबैंक डॉ रेखा झा ने थैलेसीमिया के उपचार में रक्त की उपयोगिता के बारे में बताया. उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों को रक्तदान करने का सुझाव दिया ताकि थैलेसीमिया के ग्रसित बच्चों को रक्त की उपलब्धता सुचारू रूप से होती रहे. कार्यक्रम में स्नातकोत्तर छात्रा डॉ कुंदन रानी ने थैलेसीमिया के बारे में काफी विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बताया कि यह एक आनुवंशिक बीमारी है जिसमें विकृत हीमोग्लोबिन बनने की वजह से लाल रक्त कण जल्द ही टूटने लगता है. बच्चों को हर 2 से 3 सप्ताह में खून चढ़ाना पड़ता है. डॉ कुंदन ने थैलेसीमिया के नये उपचारों के बारे में भी बताया. थैलेसीमिया डे केयर सेंटर प्रभारी डॉ राकेश कुमार ने थैलेसीमिया के बचाव में विवाह पूर्व पुरुष व महिलाओं की एचपीसीएल जांच व गर्भावस्था में भ्रूण की जांच के महत्व के बारे में बताया. विभागाध्यक्ष डॉ अंकुर प्रियदर्शी ने इस मौके पर प्रभारी ब्लडबैंक व उपाधीक्षक डॉ रेखा झा तथा उनके ब्लड बैंक की पूरी टीम को विशेष रूप से धन्यवाद दिया. इस मौके पर थैलेसीमिया डे केयर सेंटर में कार्यरत सिस्टर अंबुजलता, सिस्टर वीणा व लैब टेक्नीशियन मंटून कुमार को विशेष रूप से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में डॉ राजीव कुमार, डॉ सतीश कुमार, डॉ ब्रजेश कुमार, डॉ सीएस चौधरी, डॉ पीके यादव, डॉ अनिल कुमार सहित विभाग के सीनियर रेजिडेंट, स्नातकोत्तर छात्र छात्राएं विभाग के नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित थे.
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