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bhagalpur news. जय प्रकाश उद्यान: जल-जंगल की अनदेखी, सूखे की चपेट में तालाब

जय प्रकाश उद्यान का तालाब सूख रहा.

-तालाब कभी स्थानीय लोगों के लिए था आकर्षण का केंद्र, गूंजती थी बच्चों की किलकारियां और पक्षियों की चहचहाहट से रहता था जीवंत

ब्रजेश, भागलपुरशहर में एक ओर जहां कई तालाबों का अस्तित्व खत्म होने के कगार पर है. जो बचे हैं, उनका सुध लेने वाला कोई नहीं है. हालात यह है कि शहर के ठीक बीचोबीच स्थित जयप्रकाश उद्यान के दो ऐतिहासिक तालाब भी उपेक्षा की मार झेल रहे हैं. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जहां इस परिसर के सौंदर्यीकरण पर 44 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है, वहीं इन तालाबों को योजना में शामिल करना तक जरूरी नहीं समझा गया.

शहर के पर्यावरणीय संतुलन और जलस्तर को बनाये रखने में तालाबों की भूमिका अहम होती है. जयप्रकाश उद्यान के ये दोनों तालाब कभी स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र थे. बच्चों की किलकारियों और पक्षियों की चहचहाहट से जीवंत रहते थे. अब सूखे की चपेट में है. स्थानीय पर्यावरणविद् और समाजसेवी भी इसे लेकर चिंतित हैं और उनका कहना है कि तालाबों के संरक्षण के बिना शहरी विकास अधूरा है. जिस परियोजना में वॉकवे, लाइटिंग और अन्य कार्यों पर करोड़ों खर्च किये गये, उसमें इन जीवित जल स्रोतों की अनदेखी मुनासिब नहीं है.

सैंडिस कंपाउंड का तालाब सिर्फ बनकर रह गया बरसाती पानी का गड्ढा

तालाब अब केवल बरसात के दिनों में परिसर का पानी जमा करने लायक रह गया है. कभी सुंदरता और शांति का प्रतीक रहा यह तालाब अब सूखा पड़ा रहता है. बरसात में जब इसमें पानी भरता भी है, तब गंदगी और दुर्गंध इतनी होती है कि लोग इसके पास जाना भी नहीं चाहते.सफाई नहीं होने से चारों ओर झाड़ियां उग आयी हैं. यह स्थिति तब है जब शहर में सौंदर्यीकरण पर करोड़ों खर्च हो रहे हैं.

जयप्रकाश उद्यान : पेड़ों की रखवाली में सामाजिक संगठन आगे, वन विभाग उदासीनजयप्रकाश उद्यान स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सजाया-संवारा जरूर गया, लेकिन परिसर के पुराने और छायादार पेड़ों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की गयी. स्मार्ट सिटी से लाखों खर्च कर उद्यान का सौंदर्यीकरण तो हुआ, पर पेड़ों की देखभाल के नाम पर उपेक्षा दिखी. हैरत की बात यह है कि वन विभाग भी इन पेड़ों की हालत को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा.कई पुराने पेड़ नियमित देखरेख की कमी से कमजोर हो रहे हैं. इस स्थिति में सामाजिक संगठनों ने हमेशा आगे आकर जिम्मेदारी उठाते देखा जाता है. समय-समय पर दीमक से बचाव और सफाई अभियान चलाकर पेड़ों को बचाने का प्रयास इन्हीं संगठनों द्वारा किया जा रहा है.

सैंडिस कंपाउंड:

डेवलपमेंट कार्य पर खर्च: 44.60 करोड़ रुपयेडेवलपमेंट कार्य पूर्ण : 31 दिसंबर 2022डीएलपी पीरियड समाप्त : 31 दिसंबर 2024मेंटेनेंस अवधि होगी पूरी : 31 दिसंबर 2025

सैंडिस कंपाउंड : नये नगर आयुक्त छुट्टी से लौटेंगे, तो फाइनल होगा टेंडर

सैंडिस कंपाउंड की सुविधाओं को बहाल करने के लिए स्मार्ट सिटी से तीसरी बार निविदा की प्रक्रिया अपनायी जा रही है. निविदा अब नगर आयुक्त के तबादले के पेच में फंसी है. इस वजह से एजेंसी चयनित नहीं हो सकी है. नये नगर आयुक्त शुभम कुमार छुट्टी से लौटेंगे, तभी निविदा फाइनल हो सकेगी. दरअसल, नगर आयुक्त स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर है.

कोट

जय प्रकाश उद्यान के तालाब को प्रोजेक्ट में शामिल नहीं किया गया और न ही वह कंपोनेंट का हिस्सा था. इसी वजह से जीर्णोद्धार नहीं हो सका है. सैंडिस कंपाउंड की सुविधा बहाली के लिए निविदा प्रक्रिया अपनायी जा रही है. नये नगर आयुक्त छुट्टी से लौटेंगे, तो एजेंसी चयनित हो जायेगी.

पंकज कुमार, पीआरओस्मार्ट सिटी लिमिटेड, भागलपुर

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