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भागलपुर में गरमाया सैंडिस कंपाउंड का मुद्दा, मेयर और स्मार्ट सिटी कंपनी आमने-सामने, जानें पूरी बात

मेयर ने कहा कि अगर पत्र और कही गई बातें और निर्देश गलत हैं तो स्मार्ट सिटी कंपनी बताए कि सच्चाई क्या है और सबूत दे.


Bhagalpur News: सैंडिस कंपाउंड की एजेंसी के साथ करार का मुद्दा गरमा गया है. मेयर डा बसुंधरा लाल ने नगर आयुक्त नितिन कुमार सिंह को जो पत्र लिखकर विजयश्री प्रेस के करार के रिन्यूअल को रद्द करने का निर्देश दी है, उस पर स्मार्ट सिटी कंपनी का कहना है कि अवधि विस्तार प्रक्रिया अनुसार की गयी है. 26 जुलाई 2022 को इ-निविदा प्रकाशित की गयी. इसमें विजयश्री प्रेस सफल घोषित हुई.

विजयश्री प्रेस के साथ एकरारनामा कर सैंडिस कंपाउंड के सभी प्रोजेक्ट को संचालन करने का प्रभार 22 दिसंबर,2023 को दिया गया. अवधि विस्तार के लिए एजेंसी के अनुरोध पत्र पर समिति गठित कर प्रतिवेदन मांगी गयी. 11 जनवरी, 024 को अवधि विस्तार एवं सभी प्रोजेक्ट के लिए निर्धारित शुल्क को रिवाइज कर प्रतिवेदन दिया गया. 15 जनवरी, 2024 को सक्षम प्राधिकार से अनुमोदन प्राप्त कर 25 जनवरी 2024 को अवधि विस्तार किया गया.

मधेपुरा मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने 31 जनवरी 2024 को काली सूची में डाला है. जबकि, एजेंसी का अवधि विस्तार इसके पूर्व ही किया जा चुका था. काली सूची में डालना एवं अवधि विस्तार दोनों परस्पर पृथक घटना है. काली सूची से संबंधित आदेश पर न्यायालय से रोक लगाया गया है.

मेयर ने मांगा साक्ष्य

मेयर डा बसुंधरा लाल ने कहा है कि पत्र और पत्र में उल्लेखित बातें अगर गलत है, तो वह इसका साक्ष्य दें. सिर्फ कह देने मात्र से चीजें झूठ नहीं हो जायेगी. स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा मेसर्स विजयश्री प्रेस के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए इनका एकरारनामा पुन: रिन्यूअल किया गया है, जबकि करार के मुताबिक एजेंसी का एक साल का करार फरवरी 2024 में पूरा होना था लेकिन, जनवरी में ही करार को रिन्यूअल कर दिया गया.

मधेपुरा के जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज प्रशासन को उक्त एजेंसी द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में मशीन, सामग्री, रसायन, स्टेशनरी आपूर्ति के लिए अनुमोदित न्यूनतम दर से अधिक का बिल दिया था और बिल के भुगतान के लिए अनुचित तरीके से भुगतान का दबाव बनाया गया था. एजेंसी द्वारा निविदा की शर्तों के अनुरूप सामग्री की आपूर्ति नहीं की गयी और कार्यकाल के कार्य में बाधा उत्पन्न की गई, जिस कारणवश मेसर्स विजयश्री प्रेस को मधेपुरा मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा 31 जनवरी 2024 को काली सूची में डाला गया है.

ऐसी एजेंसी जिसे पूर्व से काली सूची में डाली गयी है, जिससे स्मार्ट सिटी भागलपुर के लोगों में गलत संदेश जा रहा है. ऐसी एजेंसी का रिन्यूअल यथाशीघ्र निरस्त की जाये, जिससे नगर निगम प्रशासन एवं भागलपुर स्मार्ट सिटी कंपनी के कार्यों की पारदर्शिता बनी रही.

उठ रहे सवाल-1 : ब्लैक लिस्टेड के छह दिन पहले ही रिन्यूअल क्यों ?

एग्रीमेंट पेपर के अनुसार स्मार्ट सिटी कंपनी की एजेंसी के साथ समझौता 09 सितंबर को एक साल के लिए हुआ है और उन्हीं के अनुसार इसका रिन्यूअल 25 जनवरी को किया गया है. सवाल अब यह है कि करार का रिन्यूअल एजेंसी की काली सूची में शामिल होने के ठीक छह दिन पहले ही क्यों किया गया है? क्या एजेंसी को इस बात की जानकारी मिल गयी थी कि वह ब्लैक लिस्टेड होने जा रहा है और ऐसे में सैंडिस कंपाउंड भी हाथ से चला जायेगा?


उठ रहे सवाल-2 : साढ़े चार माह तक बिना एग्रीमेंट रिन्यूअल के क्यों होता रहा संचालित

एग्रीमेंट पेपर के अनुसार 09 सितंबर को समझौता एक साथ के लिए हुआ था, तो इस हिसाब से यह 8 सितंबर, 2023 को पूरा होता है. लेकिन, उनके अनुसार रिन्यूअल 15 जनवरी को किया गया है. सवाल यह है कि साढ़े चार माह तक सैंडिस कंपाउंड के सभी प्रोजेक्ट का संचालन कैसे होता रहा?

स्मार्ट सिटी कंपनी पर उठ रहे सवाल-3: एग्रीमेंट पेपर पर दस्तखत नीचे तारीख क्यों नहीं ?

एग्रीमेंट पेपर के दो पेज पर तत्कालीन नगर आयुक्त का दो-दो दस्तखत है और आखिरी तीसरे पेज पर तत्कालीन नगर आयुक्त, ओएस मो रेहान अहमद, टैक्स शाखा प्रभारी प्रदीप कुमार झा सहित एजेंसी के संचालनकर्ता का दस्तखत है. नगर निगम व एजेंसी का मुहर भी है. लेकिन, दस्तखत व मुहर के नीचे तारीख नहीं है. सवाल उठ रहा है कि हरेक दस्तखत के नीचे तारीख क्यों नहीं है ? जबकि, इसी नगर निगम में सफाई का कार्य करनेवाली एजेंसी सीबीएस फैसिलिटी मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड से जाे करार हुआ, उस करार की काॅपी में हर जगह हस्ताक्षर की जगह पर तारीख भी लिखी हुई है.

आचार संहिता लागू होने की तारीख में एग्रीमेंट

नगर निगम के चुनाव के लिए जिस तारीख में आचार संहिता लगी, ठीक उसी तारीख 9 सितंबर 2022 काे करार की काॅपी तैयार हुई. यह अपने आप में एक सवाल है कि आचार संहिता लागू होने की तारीख में एजेंसी के साथ एग्रीमेंट पेपर क्यों तैयार हुआ है?

जानें, क्या कहते हैं अधिवक्ता

एग्रीमेंट कोई भी क्यों न हो, उस पेपर के हरेक पेज पर हस्ताक्षर के नीचे तारीख होना चाहिए. हस्ताक्षर व मुहर है और तारीख नहीं है, तो एग्रीमेंट का पूरा होना नहीं कह सकते हैं. -आनंद कुमार झा, अधिवक्ता, भागलपुर

क्या बोली मेयर

नगर आयुक्त को लिखा गया पत्र और इसमें उल्लेखित बातें व निर्देश अगर गलत है, तो स्मार्ट सिटी कंपनी इसका साक्ष्य दें. उनके सिर्फ कह देने मात्र से यह झूठ नहीं हो जायेगा. सबूत पेश करना होगा.

डा बसुंधरा लाल, मेयर

Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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