इस बार समय से पूर्व ही मानसून ने दस्तक दे दिया है. मानसून की बारिश जगह-जगह होने से गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि शुरू हो गया है. जल संसाधन विभाग की ओर से गंगा व कोसी नदी में करोड़ों रुपये से करवाया जा रहा कटाव निरोधी कार्य अभी तक आधा अधूरा ही हो पाया है. तटवर्ती गांव के लोगों में दहशत व्याप्त होने लगा है. इस वर्ष जल संसाधन विभाग की ओर से इस्माईलपुर-बिंद टोली तटबंध पर चार ठेकेदारों से लगभग 65 करोड़ रुपये की लागत से कटाव निरोधी कार्य करवाया जा रहा हैं, लेकिन समय पर सिर्फ ठेकेदार दिनेश चौधरी ने दो करोड़ 75 लाख रुपये की लागत से स्पर संख्या छह एन का रीस्टोरेशन, स्पर संख्या सात के डाउन स्ट्रीम में रिवेटमेंट का रीस्टोरेशन का कार्य ही पूरा किया है. ठेकेदार जयप्रकाश साह 17 करोड़ की राशि से स्पर संख्या आठ से नौ तक क्षतिग्रस्त रिवेटमेंट 720 मीटर व 600 मीटर में बोल्डर पीचिंग तथा 120 मीटर जिओ बैग पीचिंग का कार्य किया जा रहा है. समय सीमा बीतने के बावजूद कार्य पूरा नहीं हो पाया है. एवरग्रीन कंपनी की ओर से छह करोड़ 15 लाख रुपये की लागत से स्पर संख्या नौ के अप स्ट्रीम में 145 मीटर में बोल्डर पीचिंग का कार्य भी समय पर पूरा नहीं हो पाया है. त्रिवेणी कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से 38 करोड़ रुपये की लागत से टुटान करीब 125 मीटर को मिट्टी से भरने, तटबंध के 242 मीटर में सीट पाइलिंग व कंट्री साइड में जिओ बैग पीचिंग, 10.5 मीटर चौडा बोल्डर रिवेटमेंट कार्य के अलावा पिछले वर्ष ध्वस्त स्पर संख्या आठ का रीस्टोरेशन का कार्य करना है. स्पर संख्या आठ में मिट्टी भराई व बोल्डर क्रेटिंग का कार्य करना है. हालांकि त्रिवेणी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने निर्धारित 15 मई तक कार्य पूरा नहीं करने पर विभाग की ओर से 15 जून तक कार्य पूरा करने का समय दिया गया है. मुख्य अभियंता ई अनवर जमील ने बताया कि कैरेट की उपलब्धता कम होने से बोल्डर क्रेटिंग कार्य में अपेक्षित तेजी नहीं आ रही है. उन्होंने बताया कि अचानक बिहार में कैरेट का अभाव हो गया है. कंपनी को आवश्यकतानुसार क्रेटिंग का भंडारण करने का सख्त निर्देश दिया गया है.
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