भागलपुर टीएमबीयू के पीजी गांधी विचार विभाग में खादी संस्थाओं की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन विषय पर पीजी सेमेस्टर चार के विद्यार्थियों का आठ दिवसीय ग्राम सर्वेक्षण सह संपर्क शिविर गुरुवार को संपन्न हो गया. पीजी सेमेस्टर चार के विद्यार्थियों ने सर्वेक्षण शिविर के अपने अनुभवों को कार्यक्रम में साझा किया. प्रियांशु कुमारी, सरस्वती कुमारी, राहुल कुमार यादव, शिल्पा मिश्रा, जया मिश्रा, सुनीता कुमारी, पुष्पांजलि कुमारी, सोनू कुमार गुप्ता, विजय कुमार, पियूष, प्रियांशु, प्रियांशु कुमारी, राजमणि कुमारी, सोनी कुमार, माधुरी कुमारी आदि ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि वर्तमान में खादी संस्थाओं की स्थिति दयनीय है. पुरानी खादी संस्थाओं के पास खुद की जमीन है, लेकिन उनके देखभाल करने वाला कोई भी नहीं है. वहां कार्यरत कर्मचारियों को बहुत कम मानदेय मिलता है. खादी संस्थाओं की मूलभूत समस्याओं का समाधान उन्हें पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है. खादी संस्थाओं का पुनर्निर्माण होता है, तो यह आत्मनिर्भर स्वावलंबी भारत के निर्माण में एक बहुत बड़ा योगदान होगा. वहीं, डॉ उमेश प्रसाद नीरज ने सर्वेक्षण के उद्देश्य और आवश्यकता पर प्रकाश डाला. कहा कि खादी ग्रामोद्योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए चरखा केवल वस्त्र ही नहीं. बल्कि आर्थिक स्वतंत्रता और आजादी के प्रतीक है. हर व्यक्ति को, हर हाथ में काम देने का माध्यम बन सकता है. विभागाध्यक्ष डॉ अमित रंजन सिंह ने कहा कि खेती के बाद सबसे ज्यादा रोजगार ग्रामोद्योग द्वारा ही संभव है. ऐसे में ग्रामोद्योग अपनाने की आवश्यकता है. कार्यक्रम को डॉ मनोज मीता, विभाग के पूर्व छात्र कृष्ण किंकर मंडल, सेवानिवृत्ति डॉ एसके ठाकुर ने भी संबोधित किया. संचालन मनोज कुमार दास व स्वागत भाषण डॉ सीमा कुमारी ने किया. सर्वेक्षण शिविर प्रभारी गौतम कुमार ने सर्वेक्षण के गतिविधि का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ देशराज वर्मा ने किया. इस अवसर पर शोधार्थी डॉ शशि कुमार, डॉ सनोज कुमार, मीडिया कर्मी डॉ विभु रंजन, रॉकी पांडेय, प्रिंस कुमार, सागर शर्मा, गौरव कुमार मिश्रा आदि मौजूद थे.
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