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bhagalpur news: हर 69 बच्चों में से एक बच्चा ऑटिज्म से पीड़ित, मोबाइल भी बन रहा कारण

विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस हर वर्ष दो अप्रैल को मनाया जाता है. इसे मनाने का मकसद ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों को समझना, उनको सपोर्ट देना व समाज में बराबरी का स्थान दिलाना है. बच्चों में टेलीविजन व मोबाइल के अत्यधिक संपर्क के कारण ऑटिज्म जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं.

विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवसविश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस हर वर्ष दो अप्रैल को मनाया जाता है. इसे मनाने का मकसद ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों को समझना, उनको सपोर्ट देना व समाज में बराबरी का स्थान दिलाना है. बच्चों में टेलीविजन व मोबाइल के अत्यधिक संपर्क के कारण ऑटिज्म जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. जेएलएनएमसीएच के शिशुरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ अंकुर प्रियदर्शी बताते हैं कि बच्चों के मोबाइल देखने का समय कम करें. बच्चों को शारीरिक गतिविधियों और सामाजिक गतिविधियों में शामिल करें. बच्चों के साथ अधिक समय बिताएं. बच्चों को खेलने और अन्य लोगों के साथ बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करें. ऑटिज्म पीड़ितों के भी दूसरे इंसानों की तरह मानवाधिकार होते हैं, लेकिन बहुत सी जगहों पर भेदभाव और तिरस्कार का शिकार होना पड़ता है. डॉ प्रियदर्शी के अनुसार, ऑटिज्म के साथ एक बड़ी समस्या यह है कि इसके लक्षण तो शुरू से ही दिखने लगते हैं. लेकिन अभिभावकों की जागरूकता की कमी से इसका पता काफी समय बाद चलता है. आज दुनिया में हर 69 बच्चों में से एक ऑटिज्म से पीड़ित है. आमतौर पर जन्म के 12 से 18 हफ्तों के बाद ऑटिज्म के लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं.

क्या होती है ऑटिज्म बीमारी

ऑटिज्म कोई बीमारी नहीं होती है बल्कि यह एक न्यूरो डेवलपमेंटल स्थिति होती है. यह बचपन के शुरुआती दौर में ही हो जाता है. बातचीत व दूसरे लोगों से व्यवहार करने की क्षमता को सीमित कर देता है. इस रोग से पीड़ित बच्चों का विकास तुलनात्मक रूप से धीरे होता है. कई बार इससे पीड़ित अपनी ही दुनिया में खोए रहते हैं. वह दुनिया को एक अनोखे नजरिए से देखते हैं.

क्या कारण होता है ऑटिज्म का :

ऑटिज्म के कारणों के बारे में अबतक स्पष्ट रूप से ज्यादा जानकारी नहीं हो पायी है. इसके विकसित होने की वजह अनुवांशिक, गैर अनुवांशिक या पर्यावरण का प्रभाव हो सकता है. वहीं लेट प्रेगनेंसी प्लान करने के कारण, प्रीमेच्योर डिलीवरी के कारण, ट्यूबरस स्क्लेरोसिस, फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम इसके कारण हैं.

ऑटिज्म के लक्षण

ऑटिज्म बीमारी जिंदगी भर बच्चे के जीवन को प्रभावित कर सकती है. ऑटिज्म के प्रत्येक बच्चे में इसके अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं. इनमें से कुछ बच्चे बहुत जीनियस होते हैं या उनका आईक्यू सामान्य बच्चों की तरह होता है, पर उन्हें बोलने और सामाजिक व्यवहार में परेशानी होती है.

• आंखों से आंखें मिलाकर बात ना कर पाना• बोलने में दिक्कत महसूस करना

• शब्दों का प्रयोग ना करके बस बड़बड़ाना• एकांत में रहना

• किसी एक कार्य को बार-बार दोहराना, जैसे खिलौने कार के पहियों को बार बार घुमाते रहना.• किसी अन्य से घुलने मिलने में दिक्कत महसूस करना

सावधान रहे अभिभावक

• लक्षण दिखने के बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

• बच्चे के साथ अच्छा व्यवहार करें.• बच्चे को कठिन लक्ष्य न दें, उसे खेलने के लिए सरल खिलौने दें

• बच्चे के सामने किसी दूसरे बच्चे से तुलना न करें• बच्चे को हमेशा नये-नये व्यक्तियों से परिचय करायें

• बच्चे को आउटडोर गेम में शामिल करें, इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा• बच्चे को फोटो के माध्यम से चीजों को समझायें.

• ऑटिस्टिक बच्चों को कुछ सिखाने के लिए जल्दबाजी न करें• उन्हें धीरे-धीरे बात समझाने की कोशिश करें, इसके बाद उन्हें बोलना सिखाएं

• बड़े-बड़े शब्दों की जगह पर उनसे छोटे-छोटे वाक्यों में बात करें• किसी बात पर वे गुस्सा हो जाए तो उन्हें प्यार से शांत करें

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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