आउट सोर्सिंग एजेंसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपालपुर में बहाल अपने कर्मियों को सरकार की ओर से घोषित न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दे रही है. सात हजार रुपये महीने पर 24 घंटे काम लिया जा रहा है. सिंह एंड सर्विसेस नालंदा की ओर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपालपुर में खान-पान, साफ-सफाई व जेनरेटर चलाने का ठेका लिया गया है. ठेका कंपनी की ओर से खान-पान ने तीन कर्मियों के बदले मात्र दो कर्मियों से, साफ-सफाई का काम 18 कर्मियों की बजाय छह कर्मियों से कार्य करवाया जा रहा है. एक कर्मी से 24 घंटे जेनरेटर चलाने का कार्य लिया जा रहा है. जेनरेटर चलाने वाले कर्मी अनिरुद्ध मिश्रा ने बताया कि 24 घंटे काम के एवज में मुझे सात हजार रुपये प्रतिमाह कंपनी की ओर से दिया जाता है तथा कंपनी की ओर से तीन हजार रुपये प्रतिमाह पीएफ में जमा करने की बात कही जाती है. उर्मिला प्राइवेट लिमिटेड की ओर से चार डाटा ऑपरेटर व विडाल कंपनी की ओर से एक डाटा आपरेटर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपालपुर में कार्यरत है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपालपुर में कार्य कर रही ठेका कंपनी अपने कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन भी नहीं दे रही है. नाम नहीं छापने की शर्त पर ठेका पर काम कर रहे कर्मियों व डाटा ऑपरेटरों ने बताया कि उचित वेतन की मांग करने पर काम से हटा देने की धमकी प्रबंधन की ओर से दी जा रही है. जिस कारण हमलोग कुछ बोल नहीं पाते हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपालपुर में खान-पान में किसी तरह के मेन्यू का पालन नहीं किया जाता है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जिला से रोगियों को मिलने वाले भोजन -नाश्ता का मेन्यू अबतक नहीं आया है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ सुधांशु कुमार ने बताया कि ठेका कंपनी की ओर से कर्मियों को वेतन देने के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है. यदि सात हजार रुपये में 24 घंटे कार्य करवाया जा रहा है, तो यह उचित नहीं है.
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