मायागंज अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के टीबी एंड चेस्ट विभाग की ओर से मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया गया. मेडिसिन विभाग में आयोजित सेमिनार का उद्घाटन अस्पताल अधीक्षक डॉ हेमशंकर शर्मा, टीबी एंड चेस्ट विभाग के हेड डॉ वीरेंद्र कुमार शर्मा, मेडिसिन विभाग के हेड डॉ अविलेश कुमार, डाॅ डीपी सिंह, डॉ राजकमल व डॉ महेश ने किया. दमा बीमारी के इलाज व बचाव को लेकर डॉक्टरों ने विस्तार से चर्चा की. वहीं दमा की रोकथाम के लिए इन्हेलर के प्रयोग को लेकर लोगों को जागरूक करने की बात कही. वक्ताओं ने कहा कि बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच बिहार समेत पूरे देश में दमा के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं. हवा में घुले धूलकण व अन्य हानिकारक कण सांस के माध्यम से हमारे श्वास नली व फेफड़े में पहुंचकर नुकसान पहुंचा रहे हैं. वहीं घरों में साफ-सफाई नहीं रहने, कुत्ते व बिल्ली जैसे पालतू पशुओं से संपर्क, व्यायाम व बेहतर खानपान में कमी समेत अनुवांशिक कारणों से भी लोग दमा से पीड़ित हो रहे हैं. टीबी एंड चेस्ट विभाग के हेड डॉ वीरेंद्र ने बताया कि मायागंज अस्पताल के ओपीडी में टीबी एंड चेस्ट विभाग में रोजाना औसतन 75 मरीज इलाज कराते हैं. इनमें से दमा के पुराने 20 मरीज मिलते हैं. रोजाना एक से दो नये मरीज दमा के मिल रहे. इन्होंने बताया कि एलर्जी से पीड़ित लोगों को बाहर निकलने के समय मास्क का प्रयोग करना चाहिए. कोरोना काल के बाद भी दमा के मरीजों की संख्या बढ़ी है. कोरोना वायरस से संक्रमित हुए कई लोगों में दमा बीमारी मिली है.
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