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bhagalpur news. टीएमबीयू में पीजीडीसीए की पढ़ाई दो साल बाद फिर हो सकती है शुरू, राजभवन ने दी मंजूरी

टीएमबीयू में दो साल बाद एक बार फिर पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (पीजीडीसीए) की पढ़ाई शुरू हो सकती है.

टीएमबीयू में दो साल बाद एक बार फिर पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (पीजीडीसीए) की पढ़ाई शुरू हो सकती है. राजभवन ने इसकी मंजूरी दे दी है. इस बाबत पीजी बॉटनी विभाग के अंतर्गत विवि के बायोइनफॉरमैटिक्स सेंटर में नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. सत्र 2025-26 के तहत नामांकन लिया जायेगा. इस आशय का पत्र सेंटर से विवि प्रशासन सहित रजिस्ट्रार, डीएसडब्ल्यू, सीसीडीसी को भेजा गया है. सेंटर से भेजे गये आवेदन के अनुसार पीजीडीसीए में नामांकन के लिए 21 जुलाई तक आवेदन व टेस्ट 22 को होगी. रिजल्ट प्रकाशन 25 व 31 जुलाई तक नामांकन लिया जायेगा. एक अगस्त से क्लास होगी. बताया जा रहा है कि वर्ष 2023 से ही पीजीडीसीए की पढ़ाई विवि में बंद है. इस बाबत सेंटर के प्रभारी निदेशक ने पत्र में इसकी जानकारी दी है. बताया जा रहा है कि पीजीडीसीए की पढ़ाई की मांग विद्यार्थी के बीच ज्यादा है. कंप्यूटर की शिक्षा प्राप्त करने के बाद छात्र-छात्राएं स्कूल में कंप्यूटर के शिक्षक बन सकते है. साथ ही लाइब्रेरियन की नौकरी की इच्छा रखने वाले विद्यार्थी भी इस कोर्स में नामांकन लेते है. सेंटर में संचालित बीसीए की पढ़ाई हो जायेगी बंद

सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार टीएमबीयू में 18 जुलाई से शुरू हो रही बीसीए सेमेस्टर छह की परीक्षा के बाद कोर्स बंद हो जायेगा. बताया जा रहा है कि विवि में पूर्व में हुए सिंडिकेट की बैठक में बीसीए की पढ़ाई बंद करने का निर्णय लिया गया था. सूत्रों के अनुसार इस दिशा में सेंटर को विवि से अबतक कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है.

इस कोर्स की पढ़ाई अबतक शुरू नहीं हुई

जानकारी के अनुसार सेंटर में पीजी डिप्लोमा इन बायोइनफॉरमैटिक्स की भी पढ़ाई अबतक शुरू नहीं हो सकी है. सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार राजभवन से कोर्स शुरू करने की अनुमति दे दी है, लेकिन पांच साल से शिक्षा विभाग में मामला फंसा है. नामांकन से संबंधित सीट, संसाधन सहित शिक्षकों व कर्मियों की संख्या अबतक तय नहीं हो सकी है. ऐसे में राजभवन से अनुमति मिलने के बाद भी कोर्स की पढ़ाई सेंटर में शुरू नहीं हो सकी है. बताया जा रहा है कि विवि के पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो लीला चंद्र साहा ने कोर्स शुरू कराने के लिए राजभवन में अनुरोध पत्र दिया था. उस समय वहां से अनुमति मिल गयी है. इस बाबत शिक्षा विभाग को भी पत्र लिखा गया, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ पाया.

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