पीरपैंती के राजस्व अधिकारी सह प्रभारी सीओ मनोहर कुमार आठ आरोपों में घिर गये हैं. उच्च अधिकारी ही नहीं, न्यायालय तक के आदेशों को नहीं मानने का इन पर आरोप लगा है. इस मामले में अपर समाहर्ता ने श्री कुमार से स्पष्टीकरण मांगा है. इससे पहले उनके विरुद्ध आरोपों पर आरोपपत्र गठित करते हुए कहलगांव एसडीओ ने जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया था. श्री कुमार को सभी आरोपों पर बिंदुवार जवाब देना है कि क्यों नहीं उनके विरुद्ध गठित आरोपपत्र को एप्रूव कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए विभाग को रिपोर्ट भेज दी जाये. अंचल अधिकारी द्वारा अस्वीकृत नामांतरण वाद की संख्या में कुल 22 अभिलेख की जांच की गयी, जिसमें अस्वीकृति का कारण संतोषप्रद नहीं मिला है. अभियान बसेरा टू में धीमी प्रगति होने से सीओ को एसडीओ ने चयनित भूमि के अनुरूप अभिलेख पूर्ण करते हुए कर्मी के साथ अनुमंडल कार्यालय बुलाया गया, लेकिन नहीं आये. इस मामले में स्पष्टीकरण का जवाब भी नहीं दिया. मुख्यमंत्री जनता दरबार से संबंधित विभिन्न आवेदन पत्र के निष्पादन में काफी विलंब किया जा रहा है. सूचना के अधिकार मामले में प्रथम अपीलीय प्राधिकार के न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का आदेश निर्गत हुआ, लेकिन वे न्यायालय में उपस्थिति नहीं हुए. स्पष्टीकरण की मांग की गयी, पर इसका भी जवाब नहीं दिया. प्रभारी अंचल अधिकारी की 22.07.24 को खोज की गयी, जिसमें अनुपस्थित पाये गये. इसका जवाब भी नहीं दिया. बकरीद को लेकर अनुमंडल स्तरीय शांति समिति की बैठक 15.06.24 को हुई, जिसमें वे अनुपस्थित रहे. स्पष्टीकरण की मांग की गयी, पर जवाब नहीं दिया. कहलगांव डीसीएलआर ने निरीक्षण रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि पूर्व में दिये गये निर्देश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है और प्रभारी सीओ का अपने कर्मियों पर नियंत्रण नहीं है. परशुरामपुर व अन्य पंचायतों के विभिन्न वार्डों में आपदा से जुड़े कुछ पात्र लाभार्थी लाभ लेने से वंचित रह गये. अंचल अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराये गये जीआर वितरण से संबंधित संख्यात्मक विवरण व स्थलीय जांच में पाया गया है कि अंचल अधिकारी द्वारा आपदा जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में शिथिलता बरती गयी. इन आरोपों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है.
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