तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीजी प्राचीन इतिहास विभाग को तीन साल में भी नियमित हेड नहीं मिल सका है. इसका असर विभाग में दिखने लगा है. पेयजल व मूलभूत सुविधाओं की समस्या सामने आने लगी है. ऐसे में विभाग के शिक्षक व विद्यार्थी परेशान है. तीन साल से प्रभारी हेड के भरोसे विभाग संचालित किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि वर्ष 2022 में डॉ दयानंद राय हेड पद से रिटायर हुए थे. इसके बाद पीजी इतिहास विभाग के नियमित हेड रहे प्रो अशोक कुमार सिन्हा को विभाग का प्रभारी हेड बनाया गया. उनके सेवानिवृत्त होने पर पीजी इतिहास विभाग के वर्तमान हेड प्रो अर्चना कुमारी साह को विभाग का प्रभारी हेड बनाया गया है. जबकि पूर्वी क्षेत्र का इकलौता विभाग है, जहां दूर-दराज से छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने आते है. ऐसे में सवाल उठने लगा कि विवि टिल्हाकोठी स्थित पीजी प्राचीन इतिहास विभाग को नियमित हेड देना भूल ताे नहीं गया. छात्रों ने कहा- मूलभूत सुविधा का अभाव
विभाग के विद्यार्थियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि क्लास सुचारू रूप से होते हैं, लेकिन विभाग में मूलभूत सुविधा की कमी है. पेयजल का अभाव है. घर से बोतल में पानी लेकर आते हैं. शौचालय आदि की साफ-सफाई का अभाव है. शौचालय में पानी नहीं रहता है. कहा कि एक बार कुलपति विभाग में निरीक्षण करने आये थे. उन्हें सभी समस्याओं से अवगत कराया गया था. कुछ काम भी हुआ, लेकिन थोड़ दिन बाद व्यवस्था फिर ठप हो गयी. पहले की तरह समस्या सामने अपने लगी है.
विभाग जाकर समस्या को करते है दूर- प्रभारी हेड
पीजी इतिहास विभाग की हेड सह प्राचीन इतिहास विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष प्रो अर्चना कुमारी साह ने कहा कि विभाग में समस्या होने पर उसे दूर किया जाता है. विभाग से संबंधित फाइल का निष्पादन समय से किया जाता है, ताकि विभाग सुचारु रूप से संचालित होते रहे. क्लास रूटीन भी तैयार कराया गया है.
कोट –
कुलपति के अधिकार पर राजभवन ने रोक लगा रखा है. ऐसे में नये कुलपति के आने के बाद ही विभाग के नियमित नये हेड को लेकर प्रक्रिया की जा सकती है. विभाग में अगर मूलभूत सुविधा को लेकर विद्यार्थियों को परेशानी आ रही है. उसे दूर किया जायेगा.प्रो रामाशीष पूर्वे, रजिस्ट्रार
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