= शिवनारायणपुर, मिर्जाचौकी और सफिया सराय में प्रस्तावित तीन रेल ओवरब्रिज की परियोजनाएं लटकी
वरीय संवाददाता, भागलपुर
एनएच विभाग के प्रस्तावित तीन अहम रेलवे ओवर ब्रिज की योजना फंसती नजर आ रही है. करीब 150 करोड़ रुपये की लागत से शिवनारायणपुर, मिर्जाचौकी और सफिया सराय में बनने वाले आरओबी की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाने के लिए अक्टूबर-2023 में गुरुग्राम की वीकेएस इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड को जिम्मेदारी दी गयी थी लेकिन आठ महीने बाद भी एजेंसी डीपीआर तैयार नहीं कर सकी है. अब तक केवल ड्राइंग बना कर रेलवे को भेजी गयी है. डीपीआर के अभाव में पूरी योजना अटकी है. खास बात यह है कि एजेंसी का स्थानीय कार्यालय या स्टाफ तक उपलब्ध नहीं है, जिसके चलते एनएच अधिकारियों को वॉट्सएप पर संपर्क करना पड़ रहा है.आरओबी की लंबाई 75 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर प्रस्तावित है
एनएच विभाग ने दिसंबर में ही वर्क ऑर्डर जारी कर दिया था और डीपीआर बनाने के लिए तीन महीने की डेडलाइन तय की गयी थी, लेकिन बार-बार आग्रह के बावजूद कोई प्रगति नहीं हुई है. दो आरओबी के लिए रेलवे को सुपरविजन चार्ज तक भेजा जा चुका है. बावजूद, डीपीआर फाइलों से आगे नहीं बढ़ रही है. आरओबी की लंबाई 75 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर प्रस्तावित है, दोनों ओर 1.5 मीटर का फुटपाथ भी शामिल है.
इसी एजेंसी के जिम्मे है नवगछिया से चौधरीडीह फोरलेन बाइपास सड़क की डीपीआर
एनएच के अभियंता के अनुसार एजेंसी की लापरवाही के कारण परियोजना में देरी हो रही है और अब एजेंसी को हटाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है. इसी एजेंसी को नवगछिया से चौधरीडीह फोरलेन बाइपास सड़क की डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी भी मिली है, लेकिन पहले फेज की डीपीआर में खामियां पायी गयी और मंत्रालय ने उसे सुधार के लिए लौटा दिया. ढाई महीने बीतने के बाद भी सुधार नहीं किया गया है, जिस कारण एजेंसी का भुगतान भी रोक दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है