पूर्णिमा पर बुधवार को जिले के सखीचंद घाट नया बाजार स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर, गिरधारी साह हाट जगन्नाथ मंदिर, बाटा गली के सामने मंदिर व नाथनगर चंपानगर ठाकुरबाड़ी में पारंपरिक विधि-विधान से भगवान जगन्नाथ स्वामी को सहस्त्रधार से स्नान कराया गया. इसे ज्येष्ठा स्नान भी कहा जाता है. विधि-विधान से स्नान यात्रा करायी गयी. मान्यता के अनुसार भगवान का स्वास्थ्य खराब होने की वजह से 15 दिन भक्तों के लिए दर्शन बंद कर दिया जायेगा. गंगाजल, सरयू जल, समुद्र जल में हल्दी, इत्र औषधि मिला कर 108 घड़े से कराया स्नान वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ परंपरागत तरीके से बूढ़ानाथ घाट से गंगाजल लाकर तथा सरयू नदी का जल हरिद्वार का जल, पुरी के समुद्र के जल में हल्दी इत्र औषधि मिला कर 108 घड़े से स्नान कराया गया. नयाबाजार सखीचंद घाट जगन्नाथ मंदिर में सहस्त्रधार स्नान से पहले अनुष्ठान कराया गया. पंडित समीर कुमार मिश्र, पुजारी सौरभ कुमार मिश्र, आनंद मिश्रा व ग्यारह पंडितों ने पूजन कराया. पंडित सौरभ मिश्रा ने बताया कि 15 दिन वे अनासरा घर में रहते हैं. आषाढ़ कृष्ण दशमी तिथि को मंदिर में चका बीजे नीति रस्म होती है, जो भगवान जगन्नाथ की सेहत में सुधार का प्रतीक है. गिरधारी साह बाजार व बाटा गली के सामने मंदिर में विधि-विधान से पूजन रुक्मिणी कृष्ण मंदिर, गिरधारी साह बाजार स्थित भगवान जगन्नाथ स्वामी व बाटा गली के सामने मंदिर में भगवान जगन्नाथ का विधि-विधान से स्नान यात्रा पूजन हुआ. पूजन में मिथिलेश कुमार, महादेव साह आदि शामिल थे. श्रद्धालुओं ने बताया यह दिन भगवान जगन्नाथ का शुभ जन्मदिन है. इस दिन भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा के साथ व स्कंद पुराण में वर्णित 33 करोड़ देवी-देवताओं के साथ स्नान करते हैं. 27 जून को रथयात्रा की शुरुआत और पांच जुलाई को समापन पंडित समीर मिश्रा ने बताया कि महारथयात्रा भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन देवी सुभद्रा और भाई बलभद्र को समर्पित होती है. इस वर्ष रथयात्रा की शुरुआत 27 जून 2025 को होगी और समापन 05 जुलाई को होगा.
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