Sawan 2025: श्रावण मास के पहले सोमवार से ठीक पहले आज से विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले की आधिकारिक शुरुआत हो गई है. बाबा धाम के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु सुल्तानगंज के अजगैबीनाथ धाम पहुंच चुके हैं, जहां से वे गंगाजल लेकर देवघर तक की 105 किलोमीटर लंबी कांवर यात्रा शुरू करते हैं. इस बार मेला सिर्फ धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि बेहतर व्यवस्था, सुरक्षा और तकनीक के संगम का प्रतीक बनकर उभरा है.
जर्मन टेंट से लेकर LED स्क्रीन तक की व्यवस्था
मेले का उद्घाटन सुल्तानगंज स्थित नमामि गंगा घाट पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा करेंगे. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी की अध्यक्षता में आयोजित समारोह के लिए 5000 स्क्वायर फीट में भव्य सांस्कृतिक मंच बनाया गया है. दो विशाल जर्मन हैंगर टेंट और 4000 स्क्वायर फीट में दो पंडाल भी लगाए गए हैं, जिनमें 2000 से अधिक श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की गई है.
पर्यटन विभाग ने गंगा घाट से दुम्मा मोड़ तक चार स्थानों पर टेंट सिटी विकसित की है, जहां LED स्क्रीन के माध्यम से श्रद्धालुओं को मेला और यात्रा से जुड़ी जानकारी दी जाएगी. आयोजन की जिम्मेदारी ‘पिरामिड फेबकॉन’ को सौंपी गई है, जिसने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं.
सुरक्षा व्यवस्था अभूतपूर्व, 200 CCTV और ड्रोन से निगरानी
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रशासन ने 200 से अधिक CCTV कैमरे, ड्रोन कैमरे, घुड़सवार पुलिस, महिला एवं पुरुष सुरक्षा बल, NDRF और SDRF की टीमों की तैनाती की है. रेलवे स्टेशन पर अस्थायी जीआरपी थाना और मेला क्षेत्र में 8 अस्थायी पुलिस थाने बनाए गए हैं. हर संवेदनशील स्थान पर पुलिस बल और दंडाधिकारी की तैनाती सुनिश्चित की गई है.
सफाई और सुविधा: तीन शिफ्ट में सफाई, 24×7 कचरा उठाव
मेला क्षेत्र को 7 जोनों में बांटकर सफाई व्यवस्था की गई है. तीन शिफ्ट में 750 सफाईकर्मियों की तैनाती हुई है. नगर परिषद और जिला प्रशासन के अनुसार, साफ-सफाई, लाइट, शुद्ध पेयजल, शौचालय, कचरा उठाव और खानपान दुकानों की निगरानी के लिए नोडल अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. सभी होटलों में रेट लिस्ट अनिवार्य रूप से लगाई जा रही है.
बाढ़ और फिसलन से बचाव के उपाय
बाढ़ नियंत्रण विभाग ने घाटों पर 170 मीटर तक जियो और ईसी बैग लगाकर फिसलन और कटाव से सुरक्षा का प्रयास किया है. हालांकि कुछ जगहों पर जलजमाव की समस्या बनी हुई है, जिसके समाधान में प्रशासन जुटा हुआ है. नमामि गंगा घाट पर विशेष लाइटिंग, सूचना केंद्र, स्वागत द्वार और LED डिस्प्ले लगाए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को हर स्तर पर मदद मिल सके.