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Brown Sugar: भागलपुर में स्कूली बच्चे और कॉलेज की छात्राएं को लग रही ब्राउन शुगर की लत, सिगरेट के नाम पर पी रहे ड्रग्स

Brown Sugar: भागलपुर के मायागंज और सदर अस्पताल में रोजाना आधा दर्जन नशे के चपेट में आये युवा काउंसलिंग कराने के लिए पहुंच रहे है. एक कश लगाने में 500 रुपये लगते हैं, जब इन लोगों को पैसे नहीं मिल पाता है तो घर में उपद्रव करते है.

गौतम वेदपाणि/ भागलपुर मायागंज अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के इंडोर मानसिक रोग विभाग में भर्ती होकर (Brown Sugar) ब्राउन शुगर, नींद की दवा व अन्य तरह के ड्रग्स का सेवन करने वाले मरीज अपना इलाज करा रहे हैं. ऐसे लोगों की संख्या करीब सात हैं. वहीं मायागंज अस्पताल के ओपीडी में तीन से चार लोग ब्राउन शुगर की लत की शिकायत लेकर काउंसलिंग कराने पहुंच रहे हैं. मामले पर जेएलएनएमसीएच के मानसिक रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ कुमार गौरव बताते हैं कि ब्राउन शुगर सेवन करने वालों की संख्या कोरोना काल के बाद बढ़ी है.

नशे की लत में युवा पीढ़ी

ओपीडी में काउंसलिंग के लिए आने वाले अधिकांश 18 से 30 वर्ष के हैं. कुछ केस स्कूली छात्रों, कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राएं व गृहिणियों के भी मिले हैं. नशा छुड़ाने के लिए पीड़ितों को समझा बुझाकर दवा खिलाया जाता है. कुछ मरीजों को इंडोर में भर्ती भी किया गया है. लेकिन अधिकांश पीड़ित एक माह तक इलाज कराते हैं, फिर दोबारा नशे करने लगते हैं. कम से कम एक साल तक लगातार इलाज जरूरी है. जो भी ब्राउन शुगर समेत अन्य नशे को छोड़ना चाहते हैं, वह ओपीडी में आकर अपना इलाज करायें.

पैसे के लिए घर में करते हैं हंगामा

सोमवार को मायागंज अस्पताल के ओपीडी में अपने 19 वर्षीय बेटे को लेकर पहुंचे इशाकचक निवासी ने बताया कि बच्चा दिनों दिन कमजोर हो रहा है. रोजाना पैसे के लिए घर में हंगामा करता है. जब प्यार से बच्चे से पूछा गया तो इसने ब्राउन शुगर लेने की बात स्वीकार की. इसके नाक और आंख से लगातार पानी गिरता है. पेट दर्द की शिकायत करता है. खाना नहीं खाता है. 500 रुपया लेने के बाद घर से निकल जाता है. फिर नशा कर घर वापस आता है. अभिभावक ने कहा कि बच्चे की पढ़ाई लिखाई सब चौपट हो गयी है.

सिगरेट के नाम पर ब्राउन शुगर पिलाते हैं पैडलर

जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी व मनोचिकित्सक डॉ पंकज कुमार मनस्वी ने बताया कि ब्राउन शुगर से पीड़ित दो से तीन मरीज सदर अस्पताल इलाज कराने आते हैं. इनमें से अधिकांश युवावर्ग हैं. काउंसलिंग के दौरान जानकारी मिली कि शहर के विभिन्न हिस्सों में चार व सिगरेट की दुकान पर ब्राउन शुगर आसानी से मिलते हैं. नशा बेचने वाले पैडलर पहले युवाओं को बहकावे लेते हैं. फिर सिगरेट में ब्राउन शुगर मिलाकर पिलाते हैं. दो से तीन खुराक लेने से ही यह नशा लोगों को अपनी चपेट में ले लेता है. इसके बाद लत के शिकार युवा पैडलर को ढूंढने लगते हैं.

नशे पर अंकुश जरूरी

  • स्कूली स्तर पर ब्राउन शुगर व अन्य ड्रग्स के खिलाफ जागरुकता की जरुरत
  • नशे से पीड़ित बच्चों को डांटने व मारने की बजाय प्रेमपूर्वक समझाये बुझाये
  • स्कूल व कॉलेज जाने वाले छात्रों की गतिविधियों पर नजर रखने की जरूरत
  • ब्राउन शुगर की चपेट में आये युवाओं की मनोचिकित्सक से करायें काउंसलिंग

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Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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