Shravani Mela: सावन आते ही भोलेनाथ के भक्तों की भीड़ उमड़ने लगती है. सुल्तानगंज से बाबा बैद्यनाथ धाम तक की 105 किलोमीटर लंबी यात्रा सिर्फ एक सफर नहीं बल्कि आस्था, परंपरा और विश्वास की मिसाल है. सावन के आते ही शिव भक्ति की लहर देशभर में दौर जाती है. इस पवित्र माह में भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना होती है. मान्यता है कि, इस महीने में जो भी भक्त सच्चे मन से शिव की आराधना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.
बाबा बैद्यनाथ धाम की ओर 105 किलोमीटर की पदयात्रा
सुल्तानगंज से देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम की दूरी करीब 105 किलोमीटर है. कांवरिये यह सफर पैदल तय करते हैं जिसमें दो से तीन दिन का समय लगता है. रास्ते में कांवर पथ पर बालू बिछी होती है, जो बारिश के मौसम में ठंडी हो जाती है और यात्रियों को गर्मी से राहत मिलती है.
गंगा घाट पर हो रहा है विकास
इस बीच बता दें कि, श्रावणी मेले की शुरूआत से पहले अब सुल्तानगंज के गंगा घाटों को भी नमामि गंगे परियोजना के तहत सुन्दर और सुविधाजनक बनाया जा रहा है. इससे श्रद्धालुओं को जल भरने में अब पहले से ज्यादा आसानी होगी. घाट पर धर्मशालाएं, शुद्ध पेयजल, शौचालय, रोशनी, स्वास्थ्य सेवाएं और सुरक्षा जैसे कई अहम इंतजाम किए जायेंगे, जिससे श्रद्धालुओं को इस बार अधिक सुविधा और सुकून मिलेगा.
हर साल लाखों की संख्या में पहुंचते हैं श्रद्धालु
बता दें कि, सुल्तानगंज गंगा किनारे बसा हुआ है और यहां की गंगा उत्तर की ओर बहती है. देशभर में सिर्फ दो ही स्थान ऐसे हैं जहां गंगा उत्तर दिशा की ओर बहती है. कहा जाता है कि, भगवान शिव को उत्तरवाहिनी गंगा का जल बेहद प्रिय है, इसी वजह से कांवरिये यहीं से जल भरते हैं. हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं की भीड़ को आंकते हुए तमाम तरह की सुविधाओं को लेकर पहले से ही इंतजाम किए जा रहे हैं.
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