दिशा ग्रामीण विकास मंच व गांधी आश्रम शोभानपुर के संयुक्त तत्वावधान में बैजानी स्थित दिशा ग्रामीण विकास मंच के प्रशाल में रविवार को विचार गोष्ठी हुई. अध्यक्षता महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा के पूर्व कुलपति डाॅ मनोज ने की. संगोष्ठी में निर्णय लिया गया कि 13 से 15 जून तक गांधी आश्रम शोभनपुर के आसपास के 15 से 20 गांव को लक्ष्य करके एक पदयात्रा निकाली जायेगी, जिसका नाम जन संवाद यात्रा होगा. गोष्ठी का विषय प्रवेश कराते हुए डॉ मनोज मीता ने कहा कि आज समाज में संवाद की परंपरा खत्म होती जा रही है, जिससे कई कुरीतियां समाज में फैल रही है. इस संवाद यात्रा के दौरान उन कुरीतियों पर आम किसानों से संवाद किया जायेगा. जन संवाद यात्रा तीन दिनों तक गांवों में रहेगी. खाने और रहने की व्यवस्था ग्रामीणों पर निर्भर रहेगी. मौके पर परिधि के उदय ने कहा कि पदयात्रा को ग्रामीणों की समस्या का एक मंच बनाना होगा, जो उन समस्याओं को लेकर आगे एक वृहद आंदोलन का रूप ले सके. पदयात्रा में निरंतरता होना चाहिए. साथ ही समस्याओं के समाधान का भी प्रयास करना चाहिए. टीएमबीयू के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ योगेंद्र ने कहा कि आज समय की मांग है पदयात्रा. किसान व आम जन तमाम समस्याओं से जूझ रहा है, इसके लिए कोई आवाज उठाने वाला नहीं है. अध्यक्षता करते हुए डॉ मनोज ने कहा कि गांधी के दांडी यात्रा का शुरू में मजाक बनाया गया था, लेकिन कालांतर में यह देशव्यापी अभियान साबित हुआ. हमें पदयात्रा के दौरान उन सभी गांवों का डाटा तैयार करना चाहिए, जिसमें उनकी समस्याओं और सुविधाओं की एक संपूर्ण सूची बने और फिर उसके समाधान के लिए प्रयास किया जायेगा. पदयात्रा के दौरान प्रत्येक गांव से कम से कम पांच स्वयं सेवक तैयार किया जाए, जो लगातार ग्रामीणों और हमसे संपर्क में रहें. कार्यक्रम को जयंत जल्द, सुभाष प्रसाद, गांधी विचार विभाग के व्याख्याता उमेश प्रसाद नीरज जी, जनप्रिया के गौतम जी, मजार आलम व समवेत की वर्षा ने संबोधित किया.
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