ऋषव मिश्रा कृष्णा, भागलपुर नवगछिया के तेतरी गांव के अहस्कर को विश्वस्तरीय तकनीकी शोधकर्ताओं में शामिल किया गया है. आईआईटी कानपुर ने अहस्कर का चयन साइबर सिक्योरिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर विशेष शोध कार्यक्रम के लिए चयनित किया है. जानकारी मिली है कि विश्व स्तर पर आईआईटी कानपुर ने 25 छात्रों का चयन किया है जिसमें अहस्कर भी शामिल है. अहस्कर ने प्रारंभिक शिक्षा रांची के सेंट जेवियर्स स्कूल से की आगे की पढ़ाई दिल्ली के डीपीएस आरकेपुरम से प्राप्त की है. अहस्कर के पिता राजीव रंजन टेलीकॉम क्षेत्र की अग्रणी कंपनी वोडाफोन इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट रह चुके हैं तथा भारत सरकार के दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (टीआरआई) में निदेशक (सलाहकार) पद पर कार्यरत रहे हैं. इसके अतिरिक्त वे अर्जुन कॉलेज ऑफ एजुकेशन के निदेशक भी हैं. अहस्कर की मां अलका झा गृहणी हैं और दादी नीलम झा अर्जुन कॉलेज ऑफ एजुकेशन की संस्थापक अध्यक्ष हैं. बुद्धिजीवियों ने बताया कि अहस्कर की सफलता नवगछिया के लिए गौरव की बात है.
एआई के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है अहस्कर का लक्ष्य
अहस्कर ने बताया कि जिस तरह 1990 के दशक में संचार क्रांति आयी थी ठीक उसी प्रकार वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी 2020 के दशक में क्रांति की दहलीज पर खड़ी है. उसने कहा कि अगले 5 वर्षों में शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निर्भर हो जाएंगी. ऐसी स्थिति में एआई सेक्टर में अपने देश को आत्मनिर्भर बनाना मेरा मकसद है, इसके लिए मैं लगातार मेहनत कर रहा हूं. अहस्कर ने बताया कि पिछली गर्मी में वह कफिंग के प्रकार पर रिसर्च कर ट्यूबरक्लोसिस/ अस्थमा और सीओपीडी जैसे गंभीर बीमारियों को बिना चिकित्सक की मदद से डायग्नोज करने की विधि बनाई थी. जिसे काफी सराहना मिली थी. चैट जीपीटी पर भी वह एडवांस्ड रिसर्च कर रहे हैं. अहस्कर ने अपनी सफलता का श्रेय माता, पिता, दादी और अपने गुरुजनों को दिया है.
प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरी
छोटे भाई ने भी मारी आईआईटी में बाजी
अहस्कर के छोटे भाई अर्श ने भी अपनी शैक्षणिक प्रतिभा का परिचय दिया है. उसने सेंट जेवियर्स, रांची और डीपीएस आरकेपुरम से पढ़ाई के बाद पहली ही कोशिश में आईआईटी जेईई और एडवांस परीक्षा पास की है. अर्श भी अपने बड़े भाई के नक्शेकदम पर चलना चाहता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है