इस वर्ष श्रावण कृष्ण पंचमी 15 जुलाई के दिन है, जिसे चंपा में बेड़ा पांच के नाम से भी जाना जाता है. इस वर्ष यह तिथि बेहद खास होने वाली है, क्योंकि बेड़ा पांच और मुख्य मंदिर में गंध धूप पूजा एक ही दिन पड़ रहा है. गंध धूप के दिन चंपा के मनसा देवी मंदिर में पिंडी कलश रहित होता है और इस दिन कुम्भार के घर जाकर बारी कलश की पूजा की जाती है. मंदिर आकर पांचों देवी मनसा देवी के साथ नेतुला धोबिन की पूजा की जाती है. जानकार हेमंत कुमार ने बताया कि चूंकि इस दिन बेड़ापांच पड़ जाने के कारण नेतुला धोबिन की पूजा का विशेष महत्व बन जाता है. यह तिथि नाग देवता को समर्पित है. देश के कई हिस्सों में इस दिन नागपंचमी के रूप में मनाया जाता है, जबकि चंपा क्षेत्र में श्रावण शुक्ल पंचमी को नागपंचमी मनाया जाता है. बेड़ा पांच के अवसर पर मुख्य मनसा देवी मंदिर चंपानगर में देवी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. देवी गीत और मनसा माहात्म्य का विशेष पाठ किया जाता है. कई समाज में द्वार पर गाय के गोबर से नाग आकृति बनाकर धूप, दीप, सिंदूर आदि लगाकर पूजा की जाती है. मंदिर में इसदिन विशेष कर धोबी समाज के लोग डलिया में पान, फूल, मेवा, फल आदि सजाकर भगवती को अर्पित करते हैं. विशेषकर इसदिन नेतुला धोबिन की पूजा की जाएगी. सोमवार को मुख्य मनसा देवी मंदिर में नेतुला की देवी मनसा की पूजा में बिहुला का सहयोग के प्रसंग को श्रवण और मनन किया जाएगा. जिसमें मुख्य पंडा संतोष झा, अजीत झा, आलोक कुमार, हेमंत कुमार, चंद्रशेखर, गौरी शंकर, विनय लाल आदि मुख्य रूप से सहयोग में रहते है.
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