जन-जनम के साथी—चंदन यादव और कलवतिया देवी के निधन की खबर से मर्माहत है गोराडीह
रवि रंजन, गोराडीह(भागलपुर)
आज से पांच-छह दशक पहले इस बात की कौन उम्मीद कर सकता था कि दो जोड़ों के बीच मुहब्बत होगी, शादी होगी और फिर संग-संग जीना शुरू करेंगे. ऐसा हुआ भी नहीं था. शादी के बाद ही इस जोड़े ने एक-दूसरे को जाना. लेकिन ऐसा जाना कि एक-दूजे के ही हो गये. इस जोड़े के बीच दो रूहों का मिलन था. आत्माओं का संग था, जो प्यार के पंख लगा कर एक साथ कहीं दूर उड़ गये. पति चंदन यादव व पत्नी कलवतिया देवी के एक साथ हुए निधन की खबर जिसने भी सुनी, उनकी आंखों के पोर भीग गये. गोराडीह की इस इस अनोखी युगल कथा ने लोगों को मर्माहत कर दिया है. लोगों की जुबान पर बस यही चर्चा थी, वे जनम-जनम के ऐसे साथी थे, जिन्हें मौत भी जुदा नहीं कर पायी.लोगों ने सुबह जाना, यह जोड़ा दुनिया छोड़ गया
गोराडीह के खुटाहा निवासी चंदन यादव (80 वर्ष) जब शुक्रवार सुबह बाहर नहीं निकले, तो घर के लोग उन्हें जगाने पहुंचे. वहां जाकर देखा, तो उनका निधन हो चुका था. उनकी पत्नी कलवतिया देवी (77 वर्ष) के पास जाकर देखा, तो वह भी इस दुनिया को छोड़ कर जा चुकी थीं. दंपती को एक-दूसरे की मौत की खबर भी नहीं हुई और दोनों एक साथ मौत के आगोश में चले गये. शायद दोनों की आत्मा एक-दूसरे से जुड़ी हुई थी. तभी तो एक साथ दुनिया को अलविदा कह दिया. दोनों के निधन की चर्चा खुटाहा व आसपास के इलाके में हो रही है.
बहन के घर से लौटे थे बुजुर्ग चंदन यादव
बिहार पुलिस में कार्यरत मृतक के पुत्र प्रभाष यादव ने बताया कि उसके पिता बुआ के यहां एक पारिवारिक समारोह में गये हुए थे. घर लौट कर आये, तो अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गयी. कुछ समझ पाते तब तक उनकी मौत हो गयी. जब घर के बच्चे अपनी दादी को जगाने पहुंचे, तो वे हिल डुल नहीं रही थीं. इसके बाद जब परिवार के अन्य लोगों ने वहां पहुंच कर देखा, तो पाया कि उनकी भी मौत हो चुकी है. लेकिन मौत पहले किसकी हुई इस बात की जानकारी नहीं है. लोगों ने इसे दोनों के गहरे प्रेम को जन्म जन्मांतर का प्रेम बताते हुए कहा कि दोनों की आत्मा एक दूसरे से जुड़ी हुई थी. खुटाहा पंचायत के मुखिया देवेंद्र यादव ने कहा कि यह घटना दोनों के प्रेम समर्पण को दर्शाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

