शिक्षा विभाग ने सत्र 2024-25 में इंटर की पढ़ाई डिग्री कालेजों में बंद कर दिया है. अब इंटर की पढ़ाई सिर्फ प्लस टू विद्यालयों में ही होती है. प्लस टू विद्यालयों में आधार भूत संरचना का अभाव है. गोपालपुर प्रखंड के अधिकतर इंटरस्तरीय विद्यालयों में प्रायोगिक कक्षा के लिए प्रायोगिक वर्ग कक्ष नहीं होने से मैट्रिक व इंटर विज्ञान के छात्र भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र व जीव विज्ञान की प्रायोगिक कक्षा नहीं कर पाते हैं. ऐसे में मैट्रिक व इंटर की फाइनल परीक्षा में छात्र बिना प्रायोगिक जानकारी के परीक्षा में शामिल होते हैं. प्रखंड मुख्यालय स्थित इंटरस्तरीय उवि सैदपुर में कमरा व बेंच-डेस्क का अभाव है. प्रभारी प्रधानाध्यापक पंकज ठाकुर ने बताया कि विद्यालय में मात्र चार वर्ग कक्ष हैं. वाणिज्य संकाय में शिक्षक नहीं है. माध्यमिक में विज्ञान व अर्थशास्त्र के शिक्षक नहीं हैं. विभाग के अधिकारियों को भवन, उपस्कर व शिक्षकों के नहीं होने की जानकारी समय-समय पर दी जाती है. पूर्व एसीएस केके पाठक ने इस विद्यालय का निरीक्षण कर तत्काल पुराने व जीर्ण-शीर्ण खपरैल के भवन को तोड़ नया भवन बनाने का निर्देश तत्कालीन डीइओ भागलपुर को दिया था. विभाग ने अभी तक उनके आदेश का पालन नहीं किया है. इंटरस्तरीय प्रोजेक्ट कन्या विद्यालय व राजकीय उमावि तिनटंगा करारी में वर्ग कक्ष व उपस्कर का अभाव है. प्रधानाध्यापक राकेश कुमार सिंह ने बताया कि यहां कक्षा एक से ही पढ़ाई होती है. गंगा के कटाव से विस्थापित प्रावि बिंदटोली की कक्षा भी यहीं संचालित होती है. माॅडल विद्यालय के वर्ग कक्ष का उपयोग आठवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए किया जाता है. नवम व दशम के छात्रों को पुराने भवन में पढ़ाया जाता है. अब प्लस टू के छात्रों की पढ़ाई के लिए वर्ग कक्ष व उपस्कर नहीं है. सभी विषयों के शिक्षक भी प्लस टू के लिए उपलब्ध नहीं हैं. कमोबेश ऐसी स्थिति प्रखंड के सभी उच्च माध्यमिक विद्यालयों की है. ऐसे में मैट्रिक व इंटर की परीक्षा में बिना प्रायोगिक कक्षा के ही छात्र प्रायोगिक परीक्षा में शामिल होते हैं.
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