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bhagalpur news. सिंडिकेट सदस्य पर शिक्षक ने धमकी देने का लगाया आरोप

टीएमबीयू इन दिनों शिक्षकों के बीच हो रहे विवाद को लेकर सुर्खियों में है.

टीएमबीयू इन दिनों शिक्षकों के बीच हो रहे विवाद को लेकर सुर्खियों में है. पिछले कुछ माह में विवि शिक्षक-शिक्षिका, छात्र, छात्राएं व कर्मचारियों द्वारा विभिन्न मामलों को लेकर आरोप से घिरा रहा है. मामले में जांच कमेटी भी बनी है, लेकिन ज्यादातर मामलों में रिपोर्ट आने के बाद भी विवि प्रशासन कार्रवाई करना भूल गया है. अब इसी कड़ी में टीएमबीयू के पीजी गांधी विचार विभाग के शिक्षक डॉ मनोज कुमार दास ने सिंडिकेट सदस्य सह टीएनबी कॉलेज के शिक्षक संघ के सचिव असिस्टेंट प्रोफेसर निर्लेश कुमार पर धमकी देने का आरोप लगाया है. मामले में शिक्षक ने कुलपति से लिखित शिकायत करने के साथ विवि प्रशासन से सुरक्षा प्रदान करने की गुहार लगायी है. उधर, मामले में सिंडिकेट सदस्य निर्लेश कुमार ने आरोप को गलत व बेबुनियाद बताया है. कहा कि उन्हें बदनाम करने की कुछ लोगों द्वारा साजिश की जा रही है. सहयोगियों के साथ निर्लेश करवा सकते हैं हमला – डॉ मनाेज

शिक्षक डॉ मनाेज कुमार दास ने कुलपति काे दिये आवेदन में कहा कि सभी नियमित शिक्षकों का बीएसटीएफ टीएमबीयू और टीएम बूटा नाम से व्हाट्सअप ग्रुप बना हुआ है. वह भी बीएसटीएफ टीएमबीयू व्हाट्सअप ग्रुप से जुड़ा है. कुछ अन्य शिक्षकाें ने भागलपुर यूनिवर्सिटी नाम से एक और व्हाट्सअप ग्रुप बना रखा है. ये ग्रुप अनावश्यक संदेश भेजे जाने से बचने व शिक्षकों की समस्या व सूचना के लिए बना है. आवेदन में कहा कि 28 जून को उन्हें भी इस ग्रुप से जाेड़ा गया था. उसी दिन रात 8.24 बजे असिस्टेंट प्रोफेसर निर्लेश कुमार ने फोन कर उन्हें कहा कि तुम इस ग्रुप से क्यों जुड़े हो. इस ग्रुप से जल्दी निकल जाओ. अन्यथा पीजी वन छात्रावास आने पर तुम्हारा अच्छे से स्वागत किया जायेगा. शिक्षक इस हॉस्टल के अधीक्षक हैं. उन्हाेंने आशंका जतायी है कि निर्लेश कुमार कभी भी अपने सहयोगियों के माध्यम से उन पर हमला करवा सकते हैं.

किसी के बहकावे में आकर आवेदन दिये – निर्लेश कुमार

निर्लेश कुमार ने कहा कि लगाये जा रहे आरोप गलत है. उनको 28 को धमकी दिया गया, तो आवेदन पांच दिन बाद तीन जुलाई को क्यों दिया गया. यह सब किसी के बहकावे में आकर किया जा रहा है. धमकी का मामला पुलिस का है. कहा कि अगर मनोज के मोबाइल की जांच हो, तो पता चल जायेगा कि वह कुलपति और अन्य विभागीय लोगों के बारे में क्या क्या बात बोले हैं. सबकी जांच होनी चाहिए.

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