किलकारी बिहार बाल भवन बरारी प्रमंडल शाखा में बच्चों के मानसिक एवं भावनात्मक विकास के लिए एक विशेष ध्यान सत्र प्रारंभिक आनापान साधना कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें 12 से 16 वर्ष के करीब 55 बच्चों ने भाग लिया. कार्यक्रम की शुरुआत शांत वातावरण में मौन प्रार्थना के साथ हुई. विपस्सना केंद्र के प्रशिक्षक अवधेश कुमार व गोविंद चौधरी ने बच्चों को ध्यान की महत्ता, विधि व प्रभाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बच्चों को आनापान अर्थात सांस के आवागमन पर केंद्रित ध्यान का अभ्यास करवाया. इसे दैनिक जीवन में लागू करने के उपाय बताये. इस प्रक्रिया से बच्चों को मानसिक शांति, एकाग्रता और आत्मसंयम का अनुभव कराया गया. प्रशिक्षकों ने बताया कि आनापान ध्यान बच्चों में एकाग्रता की शक्ति को बढ़ाता है, मन को स्थिर करता है.
वहीं, प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक साहिल राज ने कहा कि ध्यान जीवन में स्थिरता, स्पष्टता व संतुलन लाने का माध्यम है. कहा कि जब मन शांत होता है, तभी हम किसी कार्य में पूरी तरह एकाग्र हो सकते हैं. उन्होंने बच्चों को बताया कि वह इस ध्यान पद्धति को अपनी दिनचर्या में शामिल करें. मौके पर रश्मि आनंद, ऋषभ कुमार, जितेंद्र कुमार झा, आदि मौजूद थे.
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