एक ओर जहां भागलपुर से उत्पादित आम के निर्यात का प्रयास सफल नहीं हो पा रहा है, वहीं दूसरी ओर से भागलपुर के प्रगतिशील किसान व कृषि से जुड़े उद्यमी के लगातार प्रयास से घरेलू बाजार में आम की आपूर्ति बढ़ाने के कारण आम की कीमत खास हो पा रही है. देश के पूणे, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, बेंगलुरु, हैदराबाद, नोएडा, दिल्ली, गुरुग्राम जैसे महानगरों में जर्दालू, दुधिया मालदह की डिमांड बढ़ गयी है. किसानों व कृषि उद्यमियों को तिगुनी तक कीमत मिल पा रही है.
घरेलू बाजार में 50 फीसदी बढ़ी भागलपुरी आम की डिमांड
गोपालपुर प्रखंड अंतर्गत लत्तीपाकर धरहरा के प्रगतिशील किसान चंदन सिंह ने बताया कि इस बार लगातार प्रयास के बाद बेंगलुरु 16 टन तक जर्दालू व दुधिया मालदह आम सप्लाई कर पाये. इस बार विदेशों में आम का निर्यात सपना रह गया. आम की कीमत स्थानीय बाजार में इतना कम हो गयी कि आम की लागत खर्च भी नहीं निकल पायी. वहीं बेंगलुरु भेजने पर तिगुनी कीमत बढ़ कर मिली, जो कि राहत है. इस बार घरेलू बाजार में भागलपुर में उत्पादित आम की डिमांड पहले से 50 फीसदी तक बढ़ी है. भागलपुर में आम का उत्पादन, खासकर जर्दालू आम, काफी महत्वपूर्ण है. जिले में 11,900 हेक्टेयर में आम के बगीचे हैं, जिसमें से लगभग 1200 हेक्टेयर में जर्दालू आम उत्पादन होता है. कुल 1,10,075 मीट्रिक टन आम के उत्पादन में से लगभग 10,000 मीट्रिक टन जर्दालू आम का उत्पादन होता है. जर्दालू आम, जो भागलपुर की एक प्रसिद्ध किस्म है, को 2018 में जीआई टैग मिला. जर्दालू न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं. इसके अलावा दुधिया मालदह भी खास है. बीज्जू, और आम्रपाली जैसी आम की किस्मों का उत्पादन होता है.
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