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bhagalpur news. भुगतान की फाइल कार्यालय से बार-बार लौटा दी जाती है, लेकिन कमी नहीं बतायी जाती

टीएमबीयू के पीजी आइआरपीएम विभाग से सेवानिवृत्त शिक्षिका प्रो भावना झा ने कहा कि विवि में 40 साल की सेवा का यही पुरस्कार मिला कि अपने ही पैसों के लिए गिड़गिड़ाना पड़ रहा है.

भागलपुर

टीएमबीयू के पीजी आइआरपीएम विभाग से सेवानिवृत्त शिक्षिका प्रो भावना झा ने कहा कि विवि में 40 साल की सेवा का यही पुरस्कार मिला कि अपने ही पैसों के लिए गिड़गिड़ाना पड़ रहा है. विवि में सेवांत लाभ के अलग-अलग मद में करीब 70 लाख रुपये बकाया है. कई बार आवेदन भी दिये, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. स्वास्थ्य खराब रहने के कारण विवि नहीं जा पाती हैं. बताया कि वर्ष 1985 में एमएएम कॉलेज नवगछिया में योगदान दिया था. वर्ष 2024 में पीजी आइआरपीएम विभाग में हेड पद पर योगदान दिया. साथ ही सामाजिक विज्ञान संकाय का डीन भी रहीं, लेकिन स्वास्थ्य खराब रहने के कारण डीन पद से इस्तीफा दे दिया. वर्ष 2025 के 31 जनवरी को विभाग से सेवानिवृत्त हुए.

सेवांत लाभ से संबंधित सभी दस्तावेज विवि में कराया जमा

बताया कि सेवानिवृत्त होने के बाद सेवांत लाभ से जुड़े सभी दस्तावेज विवि में जमा करा दिया है. इसके बाद भी विवि के पदाधिकारी व संबंधित शाखा के कर्मचारी कुछ नहीं किया. काम नहीं होने पर विवि प्रशासन से भी शिकायत की. बकाया भुगतान करने के लिए आग्रह किया. आश्वासन मिला कि सेवांत लाभ का बकाया का भुगतान कर दिया जायेगा, लेकिन कई माह गुजरने के बाद भी बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया. उनकी फाइल को बार-बार फाइल संबंधित कार्यालय से लौटा दिया जाता है. अगर फाइल में कमी है, तो कर्मचारी बताते भी नहीं हैं. बताने पर इसे दूर किया जायेगा. ऐसे में मानसिक रूप से परेशान है.

विवि के प्रति अपने दायित्व को ईमानदारी से निभाया

बताया कि 40 साल के सेवा काल में विवि के प्रति अपने दायित्व को ईमानदारी से निभाया, लेकिन उनकी सुनवाई कहीं नहीं हुई. गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. दो-दो ऑपरेशन हो चुका है. इलाज के लिए चार-छह माह में हैदराबाद जाना होता है. इसमें काफी खर्च आता है. पैसे के अभाव में परेशानी से जूझना पड़ रहा है. विवि प्रशासन अगर ध्यान देता, तो शायद उनका बकाया भुगतान हो जाता.

विवि के पास बकाया राशि

अर्जित अवकाश की बकाया करीब 35 लाख

1988 से 2015 तक के वेतनांतर के करीब 32 लाख

ग्रुप बीमा एवं कल्याण कोष से संबंधित राशि

2022 से 2024 तक की महंगाई भत्ता वृद्धि की राशि करीब चार लाख

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