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bhagalpur news. अभी बढ़ेगी और तपन, सतायेगी गर्मी

पिछले पांच दिनों से मौसम की बेरुखी से आम जनमानस हलकान हैं. धीरे-धीरे गर्मी अपने चरम पर पहुंच गयी है.

हवा के रूख से बदलेगी मॉनसून की चाल

पिछले पांच दिनों से मौसम की बेरुखी से आम जनमानस हलकान हैं. धीरे-धीरे गर्मी अपने चरम पर पहुंच गयी है. भागलपुर में रविवार को अधिकतम 36.7 और न्यूनतम 24.9 डिग्री सेल्सियस रहा. साढ़े पांच किमी की रफ्तार से हवा चली. इसके कारण दोपहर में घर में भी लोगों को आराम नहीं मिला. अगले तीन दिनों तक गर्मी बढ़ने की संभावना जतायी गयी है. हालांकि यदि हवा का रुख बदला, तो छिटपुट बारिश भी हो सकती है, लेकिन इसके बाद उमस से लोग परेशान होंगे. इस वर्ष जून के शुरुआती दिनों में ही गर्मी ने परेशान कर रखा है. तुलनात्मक विश्लेषण में यह साफ हो रहा है कि इस वर्ष जून महीने के शुरुआत में ही गर्मी उफान पर है. साथ ही मौसम विभाग ने 13 जून के बाद हल्की व मध्यम वर्षा का पूर्वानुमान किया है. अब हालात यह है कि गर्मी से लोगों की जान पर बन आयी है. पहले मौसम पूर्वानुमान में समय से पूर्व मॉनसून प्रवेश की संभावना जतायी गयी थी, लेकिन तपती दोपहरिया को देख दूर-दूर तक बारिश की संभावना नजर नहीं आ रही है. मौसम विभाग अब समय से 15 जून तक मॉनसून जिले में प्रवेश की संभावना जता रहा है. इधर किसान भी मॉनसून की पहली बारिश के इंतजार में हैं. इससे वे खेतों में धान के बिचड़े डाल सके. मौसम विज्ञान केंद्र भी अभी राहत मिलने की संभावना नहीं जता रहा है.

खेती पर भी पड़ रहा असर

अत्यधिक गर्मी के कारण खरीफ फसल में भी विलंब हो रहा है. किसानों ने अब तक खेतों में धान के बिचड़े तक नहीं गिराये हैं. ऐसे में जिले की मुख्य फसल धान की खेती पर साफ असर पड़ता दिख रहा है. खेतों में किसान इस समय बीज डालते हैं. इससे पैदावार अधिक होने की संभावना रहती है. लेकिन इस वर्ष किसान बीज के लिए खेत तक तैयार नहीं कर सके हैं. इससे फसल पर असर होना साफ दिख रहा है. वहीं मौसम की बेरुखी से इस वर्ष खेती में विलंब हो रहा है. किसान सहित विभाग भी परेशान है, जबकि इस क्षेत्र की मुख्य फसल धान की खेती मॉनसून पर ही निर्भर रहती है. अच्छी बारिश समय पर हुई, तो पैदावार अच्छी रहती है, नहीं तो किसानों की हालत खराब हो जाती है. किसान आकाश की ओर टकटकी लगाये हैं.

कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि किसान भाई परिपक्व मूंग की फलियों को तुड़ाई करें. मक्का के दाने को धूप में सुखाकर सुरक्षित स्थान पर भंडारित करें. परती खेतों में गहरी जुताई करके खाली छोड़ दें जिससे मिट्टी में छुपे कीट के प्यूपा, लार्वा एवं खरपतवार के बीज सूर्य की रोशनी पड़ने पर नष्ट हो सके. धान व खरीफ मक्का, सोयाबीन, मूंग, उड़द व अरहर लगाने के लिए खेत की तैयार करें.

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