27.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

tmbu. पति ने समर्पित भाव से लॉ कॉलेज चलाया, सेवांत लाभ के लिए विवि का लगाना पड़ रहा चक्कर

टीएमबीयू के पेंशनरों का दर्द.

—- टीएमबीयू के पेंशनरों का दर्दवरीय संवादददाता, भागलपुर

टीएमबीयू के पेंशनरों का दर्द एक के बाद एक सामने आ रहे हैं. सेवांत लाभ नहीं मिलने से परेशान हैं. इसी सिलसिले में टीएनबी लॉ कॉलेज के पूर्व प्राचार्य स्व. डॉ सुधांशु कुमार पांडे की पत्नी माला पांडे ने कहा कि मेरे पति ने समर्पित भाव से लॉ कॉलेज चलाया. कॉलेज के चलते अपने परिवार तक को समय नहीं दे पाते थे. विद्यार्थियों व शिक्षकों की समस्या से घिरे रहते थे. आज उनके परिवार को सेवांत लाभ के लिए विवि का चक्कर लगाना पड़ रहा है. विवि के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक सुनवाई नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि परिवार को आर्थिक संकट से भी जूझना पड़ रहा है. माला पांडे ने बताया के मामले को लेकर वर्ष 2024 के 10 दिसंबर को रजिस्ट्रार को आवेदन भी दिये. लेकिन कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि मेरे पति ईमानदार व्यक्ति थे और उन्होंने टीएनबी लॉ कॉलेज के लिए दिल से काम किया. इसे शीर्ष संस्थानों में मान्यता दिलायी.

ग्रेच्युइटी तक की राशि नहीं मिली

माला पांडे ने बताया कि पति पूर्व प्राचार्य प्रो एसएन पांडे वर्ष 2018 के 31 मई को सेवानिवृत्त हुए थे. गंभीर बीमारी से 14 अप्रैल 2023 को उनका निधन हो गया था. इस दौरान विवि से ग्रेच्युइटी के 20 लाख, अर्जित अवकाश के 22 लाख से अधिक, जनरल इंश्योरेंस के चार लाख से अधिक राशि का भुगतान नहीं हुआ. इसके अलावा 22 माह का पेंशन व सातवां वेतनमान का एरियर का भी भुगतान अबतक नहीं किया गया है. कुलपति को भी आवेदन दिया है.

एडवांस राशि में 14 लाख से अधिक का बिल विवि को दिये

माला पांडे ने कहा कि पति को परीक्षा संचालन के लिए विवि से एडवांस राशि के रूप में 19,94,790 रुपये विवि से मिले थे. इसमें 14,33,446 का बिल विवि के वित्त विभाग में उपलब्ध करा दिया गया है. लेकिन 5,61,344 का बिल प्रस्तुत नहीं किया जा सका. क्योंकि उनकी सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ और बाद में कैंसर का पता चला. उस स्थिति में विभिन्न विभागों के साथ समन्वय करना मुश्किल था. उन्होंने बताया कि उनकी पेंशन 90 फीसदी पर निर्धारित की गयी थी. उनके पेंशन राशि का 10 फीसदी एक अप्रैल 2020 से 14 अप्रैल 2023 तक लंबित है. परिवार की पेंशन भी उनके निश्चित पेंशन राशि के 90 फीसदी पर निर्धारित है.

परीक्षा राशि पर विचार कर मुक्त करने के लिए दिये आवेदन

माला पांडे ने बताया कि परीक्षा राशि पर विचार कर मुक्त करने के लिए रजिस्ट्रार को आवेदन दिये थे. लेकिन अधिकारी व संबंधित कर्मचारियों ने नहीं सुनी. महिला ने कहा कि उम्र के हिसाब से चलने में थोड़ी परेशानी होती है. ऐसे में विवि में आना-जाना छोड़ दिया. पूरा परिवार कठिन समय से गुजर रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel