स्थायी बायपास सड़क एक बार फिर परेशानी की वजह बन गयी है. महज छह महीने पहले छह करोड़ रुपये खर्च कर दुरुस्त की गयी सड़क अब जगह-जगह से टूटने लगी है. चौधरीडीह से बरारी हाउसिंग मोड़ तक सड़क में गहरे गड्ढे बन गये हैं, जिससे राहगीरों को भारी परेशानी हो रही है और दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई है. सड़क निर्माण का जिम्मा जमुई के ठेकेदार को मिला था. बिटुमिनस लेयर बिछाने के बाद मास्टिक एसफाल्ट डालना जरूरी था, लेकिन यह कार्य अधूरा छोड़ दिया गया. आनन-फानन में किये गये कार्य के कारण सड़क जर्जर हो गयी.
स्थायी बायपास निर्माण में कुल 235 करोड़ रुपये खर्च हुये हैं. चालू होने के एक साल बाद ही मरम्मत की जरूरत पड़ी और अब तक करीब 40 करोड़ रुपये सिर्फ रिपेयरिंग में झोंक दिये गये. कोहड़ा से टोल प्लाजा के बीच का हिस्सा बार-बार मरम्मत के बाद भी संतोषजनक स्थिति में नहीं है.
बेस कमजोर, मेंटनेंस भी फेल
एनएच विभाग के अनुसार सड़क के बेस को मजबूत नहीं किया गया था. इस कारण भारी वाहनों के दबाव में बार-बार सड़क धंसती जा रही है. जिस जगह यह समस्या आ रही है, वहां काली मिट्टी होने से सड़क टिक नहीं पा रही है. सड़क निर्माण एजेंसी को तीन साल तक मेंटनेंस की जिम्मेदारी थी, लेकिन वह अवधि दो साल पहले ही पूरी हो चुकी है.एनएच अभियंता के अनुसार सड़क बनाने और मेंटनेंस के लिए 11 करोड़ रुपये की योजना थी. इसमें पांच साल के लिये तीन करोड़ रुपये रखे गये थे. अब फिर से सड़क मरम्मत करायी जा रही है और ठेकेदार को निर्देश दिया गया है कि जहां भी सड़क टूटे, तत्काल ठीक किया जाये.
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